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संजय राउत: 'अखंड भारत' के लक्ष्य को हासिल करने में देंगे साथ, लेकिन 15 नहीं...

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के अखंड भारत के बयान पर संजय राउत ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने कहा कि हम भी इस नेक काम में आपके साथ होंगे. लेकिन 15 साल का समय मत लीजिए. ये काम 15 दिन में कर डालिए.

Updated on: 14 Apr 2022, 11:26 AM

highlights

  • मोहन भागवत के बयान पर संजय राउत की प्रतिक्रिया
  • अखंड भारत के मुद्दे पर हम साथ-साथ
  • लेकिन 15 साल की जगह 15 दिन में कर दीजिए ये काम

नई दिल्ली:

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के अखंड भारत के बयान पर संजय राउत ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने कहा कि हम भी इस नेक काम में आपके साथ होंगे. लेकिन 15 साल का समय मत लीजिए. ये काम 15 दिन में कर डालिए. उन्होंने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग दोहराई. संजय राउत ने कहा, 'आप अखंड भारत बना लीजिए लेकिन 15 साल का नहीं 15 दिन का वादा कीजिए और अखंड हिंदुस्तान बनाईए. अखंड हिंदुस्तान का सपना कौन नहीं देखता है। वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे का ये सपना था तो सबसे पहले आप वीर सावरकर को भारत रत्न दीजिए. 

पीओके से लेकर श्रीलंका तक अखंड भारत, लेकिन पहले...

RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर शिवसेना प्रमुख संजय राउत ने कहा कि कोई अखंड हिंदुस्तान की बात करता है तो उन्हें सबसे पहले PoK और भारत से जोड़ना पड़ेगा फिर जो पाकिस्तान का विभाजन हुआ था उसे भी भारत से जोड़ना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पहले जहां भी भारत की सीमाएं हुआ करती थी उसे भी जोड़िए, श्रीलंका को भी जोड़िए और फिर एक महा सत्ता बना लीजिए आपको किसी ने नहीं रोका. लेकिन उससे पहले कश्मीरी पंडितों की घर वापसी करवा दीजिए और अगर आप ये कर लेते हैं तो हम आपका समर्थन ज़रूर करेंगे.

हरिद्वार में मोहन भागवत ने उठाया था अखंड भारत का मुद्दा

बता दें कि आरएसआर के सर संघचालक मोहन भागवत 15 साल में भारत के अखंड राष्ट्र बनने की बात कही थी. हरिद्वार में उन्होंने प्रवास के दौरान कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है. 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे. उन्होंने कहा कि हम अहिंसा की ही बात कहेंगे, पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे. हमारे में मन में कोई द्वेष, शत्रुता भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें. आरएसएस चीफ ने कहा कि जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी उसमें सहयोग है. अगर वह विरोध न करते तो हिंदू जागता नहीं, क्योंकि वह तो सोता रहता है. कहा कि भारत उठेता तो धर्म के माध्यम से ही उठेगा. सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का प्रयोजन, भारत का प्रयोजन है, धर्म के उत्थान के लिए प्रयास होगा तो ही भारत का उत्थान होगा. इसे रोकने वाले हट जाएंगे, मिट जाएंगे. संतों ने संघ प्रमुख के हरिद्वार प्रवास में संतों ने उनके समक्ष उठाई देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की.