Birthday Special : संजय गांधी का विवादों से रहा है गहरा नाता, यहां पढ़िए उनके जीवन के 5 सबसे बड़ी कलह
संजय गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था।
NEW DELHI:
नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले संजय गांधी की आज जयंती है, संजय का जन्म 14 दिसंबर 1946 को दिल्ली में हुआ था। संजय गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे और राजीव गांधी के छोटे भाई थे। संजय की शुरूआती शिक्षा के लिए उनका दाखिला देहरादून के वेल्हम बॉयज में कराया गया था। स्कूली परीक्षा के बाद संजय गांधी ने ऑटोमोटिव इंजिनियरिंग की पढ़ाई की और इंग्लैंड स्थित रॉल्स रॉयस (तत्कालीन ब्रिटिश तग्जरी कार कंपनी) में 3 साल के लिए इंटर्नशिप भी किया था।
विमान हादसे में हुई थी संजय गांधी की मौत
संजय गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। 23 जून 1980 को संजय गांधी की एक विमान हादसे में मौत हो गई थी। संजय की मौत के करीब चार साल बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड ने ही उनकी हत्या कर दी थी। जिसके बाद देश के कई स्थानों पर भयानक हिंसा भी हुई थी। इंदिरा की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी के कंधों पर सत्ता का भार आ गया और वे देश के छठे प्रधानमंत्री बने।
यहां पढ़ें राजीव गांधी के जीवन के 5 सबसे बड़े विवाद-
संजय गांधी ने इंदिरा गांधी को मारे थे 6 थप्पड़?
अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार लुईस एम. सिमंस आपातकाल की घोषणा के बाद दिल्ली पहुंचे थे। उन्हीं दिनों की बात है कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अखबारों में से एक द वाशिंगटन पोस्ट में सिमंस द्वारा दी गई खबर छपी कि संजय गांधी ने एक डिनर पार्टी के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 6 थप्पड़ मारे थे। इस खबर पर सिमंस ने scroll.in से ईमेल के ज़रिए बातचीत की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें ये खबर उनके सूत्रों से मिली थी। सिमंस के दो सूत्र थे, जो पार्टी से जुड़े हुए थे। इस खबर को भारत के किसी मीडिया संस्थान ने नहीं छापा था, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में ये खबर आग की तरह फैल गई थी। हालांकि कई मीडिया संस्थान इस खबर पर संदेह भी करते हैं।
बिना पढ़ाई किए इंजीनियर बनना चाहते थे संजय
इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय का स्वभाव काफी जिद्दी था। पढ़ाई-लिखाई में संजय की कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। यही वजह थी कि तमाम कोशिशों के बाद भी संजय की पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी, उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। संजय गांधी बिना डिग्री लिए ही ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनना चाहते थे।
आपातकाल के दौरान जमकर की थी मनमानी
आपातकाल से पहले तक तो संजय गांधी की राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा के बाद वे अपनी मां के सलाहकार बन गए थे। इस दौरान संजय ने खूब मनमानी की, किसी नेता-मंत्री की तो दूर.. उन्होंने कई बार अपनी मां की बात को भी टाल दिया। संजय के इस रवैये की वजह से ही इंदिरा गांधी के कैबिनेट मंत्री रह चुके इंद्र कुमार गुजराल ने इस्तीफा दे दिया था।
ज़बरदस्ती नसबंदी करा रहे थे संजय गांधी
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत संजय गांधी ने देशभर में लोगों की जबरदस्ती नसबंदी कराई। इस कार्यक्रम के तहत करीब 62 लाख लोगों की नसबंदी कराई गई थी। रिपोर्ट्स बताते हैं कि इस दौरान गलत तरीकों से हुई नसबंदी की वजह से 2000 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। संजय के इस तानाशाही रवैये का भारी नुकसान उठाना पड़ा।
किशोर कुमार को भी झेलना पड़ा था संजय का गुस्सा
उस समय के सबसे चर्चित गायकों में शुमार किशोर कुमार को यूथ कांग्रेस के लिए गाना गाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन किशोर कुमार ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया था। जिसके बाद संजय गांधी ने किशोर कुमार के सभी गानों को AIR (ऑल इंडिया रेडियो) पर बैन करा दिया था।
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