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संदीप पांडेय (फाइल फोटो)
सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय को रविवार को घर में नजरबंद कर दिया गया. दरअसल, उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और घाटी में जारी बंदी के विरोध में रविवार को धरना देने की घोषणा की थी, जिसके बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया. यहां जीपीओ पार्क में रविवार शाम 'स्टैंड फॉर कश्मीर' विरोध प्रदर्शन का आयोजन होने वाला था.
संदीप पांडेय ने फोन पर बताया, अचानक से हमारे घर पर सुबह पुलिस की चार वैन आई और उन्होंने हमसे कहा कि शहर में निषेधाज्ञा लागू होने की वजह से हम धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा स्वतंत्रता दिवस के बाद हटेगी. मैंने उनसे कहा कि निषेधाज्ञा हटने के बाद ही हम धरना-प्रदर्शन करेंगे. फिर भी वे मेरे घर के बाहर खड़े हैं. किसी को भी घर के अंदर आने व घर के बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है.
उनकी पत्नी अरुंधती धुरु, जो नेशनल एलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट (एनएपीएम) की राष्ट्रीय संयोजक हैं, वह भी घर में नजरबंद हैं. लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने फोन का जवाब नहीं दिया. वहीं, सरकार के प्रवक्ता ने मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. संदीप पांडेय ने साल 2002 में इमर्जेट लीडरशिप श्रेणी में रेमन मैगसेसे अवार्ड जीता था.
Source : आईएएनएस