बिहार: पंचायत चुनाव के जरिए गांव-गांव तक पहुंचने की कवायद में जुटी भाजपा
बिहार: पंचायत चुनाव के जरिए गांव-गांव तक पहुंचने की कवायद में जुटी भाजपा
पटना:
बिहार में 11 चरणों में होने वाला पंचायत चुनाव भले ही दलगत आधार पर नहीं हो रहा हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से ज्यादा से ज्यादा अपने कार्यकतार्ओं को चुनाव मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जिससे उसका संगठन पंचायत और गांव तक मजबूत हो सके।भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने बिहार में पंचायत के साथ ही जिला परिषद के चुनाव में अपने उम्मीदवार को लड़़ाने की अंदरूनी घोषणा तक कर दी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी यह मानकर चल रही है पंचायत चुनाव में जो जमीन तैयार होगी वह जमीन भाजपा को अगले चुनाव में काम आएगी।
भाजपा के एक नेता बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले प्रदेश भाजपा ने प्रत्येक जिले में पंचायत चुनाव की तैयारी का निर्देश दिया था। जिला कार्यसमिति की बैठक के लिए तय एजेंडा में भाजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख बनाने का स्पष्ट निर्देश दिया गया। रणनीति के तहत बूथ तक के कार्यकतार्ओं को चुनाव में जोड़ऩे की रणनीति तैयार की गई है।
इस बीच कोराना काल में पंचायत चुनाव टला और भाजपा की तैयारी भी शिथिल हो गई थी। चुनाव की घोषणा के बाद अलग-अलग मंडलों में भाजपा का समर्थन पाने के लिए प्रत्याशी लगातार अध्यक्ष से संपर्क कर रहे हैं।
इधर, भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि कार्यकतार्ओं को बजाब्ता इसके लिए टास्क दिया गया है। इसके तहत सभी प्रतिनिधियों को सप्ताह में दो दिन हर टीकाकरण केंद्र जा रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज के लिए प्रधानमंत्री की तस्वीर वाले थैले का वितरण किया जा रहा है। इस अभियान के तहत कम से कम 50 लाख परिवार को एक-एक थैला दिया जाएगा।
इसको लेकर राज्य के सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद को एक टागरेट दिया गया है। इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए पार्टी के कई पदाधिकारियों को जिम्मदारी दी गई है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी कहते हैं कि पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर से 25 दिसंबर अर्थात पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती तक बूथ स्तर पर पार्टी को सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
भाजपा के नेता और राज्य के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी भी कहते हैं कि अगर भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हैं तो मदद की जाएगी। उन्होंने हालांकि यह भी पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं हो रहा।
उल्लेखनीय है कि बिहार में 11 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की घोषणा हो चुकी है। इस चुनाव में पहले चरण के लिए 24 सितंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि 12 दिसंबर को 11 वें तथा अंतिम चरण का मतदान होगा।
बिहार में वर्ष 2016 में गठित त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां जून महीने में भंग कर दी गई हैं। जून के पहले कोरोना के कारण चुनाव कराना संभव नहीं था। जून के बाद पंचायत चुनाव तक पंचायत परामर्श समिति काम कर रही है।
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