ओडिशा के स्कूल और जन शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने झारखंड सरकार में अपने समकक्ष को पत्र लिखकर झारखंड में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के पाठ्यक्रम से उड़िया भाषा को बाहर करने पर चिंता जताई है।
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को लिखे अपने पत्र में दास ने कहा कि झारखंड और ओडिशा के लोगों की लंबे समय से सजातीय सांस्कृतिक विरासत और पहचान है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों ने ब्रिटिश शासन के दमन के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने इस ऐतिहासिक बंधन के महत्व को सही ढंग से पहचाना है और ओडिया को दूसरी राज्य भाषा के रूप में स्वीकार किया है।
डैश ने आगे कहा, हमारी सरकार उत्कल समिलानी के माध्यम से उड़िया भाषी इलाकों जैसे साधिकाला, खरसुआं, सिंहभूम और अन्य में शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कल समिलानी के माध्यम से लगभग 160 शिक्षकों को वित्त पोषित कर रही है। सरकार के संरक्षण में आपके राज्य में लगभग 35 ओडिया स्कूल भी चल रहे हैं।
मंत्री ने महतो को बताया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा 20 सितंबर को प्रकाशित एक विज्ञापन ने उड़िया भाषी लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है।
इस विज्ञापन में मंत्री ने कहा, जो प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए है, ओडिया भाषा को 7वें पेपर से बाहर रखा गया है, जबकि संस्कृत, बंगाली, उर्दू, हो, मुंडारी, सनथाली और कुदमाली जैसी भाषाओं को शामिल किया गया है।
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Source : IANS