Same sex Marriage: भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा दिए जाने पर फैसला आज, अन्य देशों में क्या है प्रावधान?

Same sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है.

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Mohit Sharma
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Same sex Marriage

Same sex Marriage( Photo Credit : News Nation)

Same sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा देने की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा. सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को याचिका पर सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिका में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की थी. अब जबकि सुप्रीम कोर्ट 11 दिन तक चली सुनवाई के बाद सुरक्षित रखे अपने फैसले को सुनाएगा तो भारत में समलैंगिक विवाह वैधता को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग जाएगी.

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भारत में समलैंगिकता को लंबे समय तक क्राइम की श्रेणी में रखा गया था

आपको बता दें कि भारत में समलैंगिकता को लंबे समय तक क्राइम की श्रेणी में रखा गया था. हालांकि 2018 में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से मुक्त कर दिया गया था. दरअसल, समलैंगिकता को लेकर भारत के पड़ोसी मुल्क भी एक राय नहीं बना पा रहे हैं. किसी देश में इसका विरोध तो किसी देश में समलैंगिकता को मान्यता दिए जाने पर विचार चल रहा है. जैसे कि बांग्लादेश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. यहां संमलैंगिक जोड़े के बीच  आपसी सहमति से भी यौन संबंध बनाने पर भी सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही मालदीव, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी इसको अपराध समझा जाता है. चीन में भी समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता नहीं है. 

नेपाल ने 2007 में समलैंगिकता को अपराध से बाहर कर दिया

हालांकि भारत के एक पड़ोसी देश नेपाल ने 2007 में समलैंगिकता को अपराध से बाहर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ मंगलवार को फैसला सुनाएगी. संविधान पीठ में जस्टिस एस.के. कौल, एस.आर. भट्ट, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा भी शामिल थे. इस साल मई में संविधान पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

Source : News Nation Bureau

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