समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण शुरू होने का जो बयान दिया है, उसे लेकर न सिर्फ राजनीतिकबयानबाजी शुरू हुई है, बल्कि सपा के सामने भी असहज स्थिति पैदा कर दी है. दरसअल बीजेपी की रामभक्ति से मुकाबला करने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से सैफई में चक्रधारी भगवान कृष्ण की विशालकाय मूर्ति स्थापित कराई गई है.
इसके साथ ही अगली बार सरकार बनने पर इटावा में लॉयन सफारी के पास भगवान विष्णु के नाम पर शहर बसाने और इस शहर में कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की तर्ज पर एक भव्य विष्णु मंदिर बनाने का एेलान भी किया है.
पार्टी अध्यक्ष की इस विचारधारा से अलग सपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने रामभक्ति दिखाई है और ये रामभक्ति सीधे तौर पर बीजेपी की विचारधारा से प्रेरित नजर आती है.
यहीं वजह है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की नीतियों का परोक्ष समर्थन करने से सपा के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है और पार्टी इसे उनकी निजी विचारधारा बता रही है.
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वहीं बीजेपी ने सपा सांसद की रामभक्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि पहले उन्हें अपनी पार्टी के संरक्षक से रामभक्तों पर अयोध्या में गोली चलवाने के लिए माफी मांगने की बात करनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau