साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल का बुधवार की शाम यहां के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. कुछ दिनों पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे. उनका इलाज गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था.
यह भी पढ़ें :ब्रिटेन के बाद कनाडा ने Pfizer की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी
हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. डबराल का जन्म 14 मई, 1949 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में हुआ था. उन्होंने उच्च शिक्षा देहरादून में प्राप्त की. वरिष्ठ कवि साहित्यि पत्रिका 'पूर्वाग्रह' के सहायक संपादक और दैनिक अखबार 'जनसत्ता' के साहित्य संपादक रह चुके हैं. फिलहाल वह नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए थे.
यह भी पढ़ें : रोजगार को बढ़ावा देने की योजना को कैबिनेट की मंजूरी
मंगलेश डबराल के चर्चित पांच काव्य संग्रह हैं - 'पहाड़ पर लालटेन', 'घर का रास्ता', 'हम जो देखते हैं', 'आवाज भी एक जगह है' और 'नए युग में शत्रु'. उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर पसर गई है.
Source : IANS