सहारनपुर हिंसा के खिलाफ दिल्ली में उतरी भीम आर्मी, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
कुछ दिनों पहले सहारनपुर में चल रहे जातिगत संघर्ष के बाद अब विरोध के स्वर दिल्ली तक पहुंच गए हैं। जातिगत हिंसा के विरोध में दलित कार्यकर्ता रविवार को जंतर-मंतर पर विरोध करने के लिए इकट्ठा होने लगे हैं।
highlights
- कुछ दिनों पहले सहारनपुर में चल रहे जातिगत संघर्ष के बाद अब विरोध के स्वर दिल्ली तक पहुंचे हैं
- जातिगत हिंसा के विरोध में दलित कार्यकर्ता रविवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है
- हालांकि इस प्रदर्शन की अनुमति दलितों को शनिवार रात तक नहीं दी गई थी
- प्रदर्शन में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भी पहुंचे, जिन्हें पुलिस तलाश रही है
नई दिल्ली:
सहारनपुर में चल रहे जातिगत संघर्ष के खिलाफ भीम आर्मी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। जातिगत हिंसा के विरोध में दलित कार्यकर्ता आज दिल्ली में यूपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
5 मई के दिन शब्बीरपुर में महाराणा प्रताप की शोभायात्रा के दिन दलित समुदाय और राजपूत समुदाय के बीच विवाद शुरू हुआ जिसके बाद हज़ारों की संख्या में पहुंचे राजपूत समुदाय के लोगों ने दलितों के घरों में आग लगा दिया।
चंद्रशेखर आजाद रावण के नेतृत्व में भीम आर्मी ने यूपी सरकार के खिलाफ बड़ी सभा कर सरकार को हिंसा भड़काने के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की अपील की।
रैली को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि अगली 23 तारीख को पूरा दलित समाज सहारनपुर के दोषियों को जेल में बंद करने के लिए देशव्यापी आंदोलन करेगा।
चंद्रशेखर ने कहा कि यदि दलित समाज की शर्त को नहीं माना गया तो देशव्यापी स्तर पर दलित हिंदू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लेंगे।
भीम आर्मी ने 5 मई 2017 की घटना के खिलाफ 9 मई को शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन किया था। हालांकि इस दौरान वहां के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर लाठी चलाने के आदेश दिए, जिसके बाद स्थिति और खराब हुई।
चंद्रशेखर ने कहा कि भीम आर्मी के 200 से ज्यादा सदस्यों को पकड़ कर जेल भेजने और ऊपर से रासुका जैसे जघन्य आपराधिक धाराएं लगाना यह बताता है कि दलित समाज के आंदोलन को जबरदस्ती गैरकानूनी तरीके से दबाने की साजिश की जा रही है।
हालांकि इसके बाद पुलिस और भीम आर्मी में विवाद हो गया। पुलिस का आरोप है कि भीम आर्मी ने आगजनी की और पुलिस को भी परेशान किया। इस घटना के बाद भीम आर्मी के प्रमुख गायब थे।
गिरफ्तारी से बचने के लिए चंद्रशेखर ने अपना हुलिया बदल लिया था लेकिन आज वो जंतर मंतर पर पहुंच सबको अचंभित कर दिया। जंतर मंतर पहुंच चंद्रशेखर कहा कि अपने समाज की लड़ाई के लिए अगर पुलिस मुझे नक्सली कहती हैं तो मुझे नक्सली बनना स्वीकार है।
गौरतलब है कि पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सलियों से सम्बन्ध होने का आरोप लगाई है।
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इस विरोध प्रदर्शन में जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार भी शामिल हुए इनके साथ दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी, राम कुमार और कई मुस्लिम नेता भी प्रदर्शन में शामिल हैं।
दलित कार्यकर्ता अशोक भारती ने बताया, 'अब सरकार दलितों को उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखने के अधिकार से भी वंचित कर रही है।'
भारती ने कहा कि उन्हें परमीशन नहीं मिली तो भी वे रविवार को जंतर मंतर जाएंगे। वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से संसद भवन के आसपास बैरिकेड्स लगाकर सिक्यूरिटी टाइट रखी गई है।
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दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने कहा है कि अगर कार्यकर्ता इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से करते हैं तो ठीक नहीं तो फिर उन्हें बल प्रयोग करना पड़ेगा।
बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में 50 हजार लोगों के शामिल होने की आशंका जताते हुए भीम सेना ने प्रदर्शन की परमीशन मांगी थी। पुलिस ने अंदाजा लगाया है कि प्रदर्शन की परमीशन न मिलने के बावजूद इस प्रदर्शन में 50 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका है।
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