शिअद ने कृषि कानूनों पर स्थगन प्रस्ताव नामंजूर होने पर सरकार की निंदा की
शिअद ने कृषि कानूनों पर स्थगन प्रस्ताव नामंजूर होने पर सरकार की निंदा की
नई दिल्ली:
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सोमवार को संसद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अन्य के साथ मिलकर तीन कृषि कानूनों पर स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने खातिर राजग सरकार की निंदा की।शिअद अध्यक्ष ने इस संबंध में अपनी पत्नी और पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा सहित सांसदों के साथ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अकाली-बसपा गठबंधन अपनी मांगों को लेकर विरोध जारी रखेगा। किसानों पर संसद में चर्चा की जाए और केंद्र सरकार द्वारा विधिवत स्वीकार किया जाए।
बादल ने सभी राजनीतिक दलों से कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सरकार को मजबूर करने के मुद्दे पर एकजुट होने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, हमें इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए। इस समय इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। किसान अपनी मांगों के लिए आठ महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। 500 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। हमने श्रद्धांजलि देने के लिए एक प्रस्ताव भी रखा था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आंदोलन में शहीद हुए किसानों को संसद में श्रद्धांजलि नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि किसानों को सुनने के बजाय, केंद्र सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की कोशिश की। बादल ने एनडीए सरकार से किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने का आग्रह किया।
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