सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान, पुलिस पर भारी प्रदर्शनकारी, पुजारी ने मंदिर बंद करने की दी धमकी

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. राज्य में कई संगठन लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे है, जिसे लेकर तनाव की स्थिति बरकरार है.

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. राज्य में कई संगठन लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे है, जिसे लेकर तनाव की स्थिति बरकरार है.

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ruchika sharma
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एक क्लिक में जानें सबरीमाला मंदिर को लेकर 2019 में सुर्खियों में रही ये घटनाएं

सबरीमाला मंदिर (फोटो- PTI)

केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर घमासान जारी है. राज्य में कई संगठन लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे है, जिसे लेकर तनाव की स्थिति बरकरार है.  कई महिलाएं बीच रास्ते से वापस लौटने को मजबूर हो गईं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद तीसरे दिन भी महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं.  दो महिला पत्रकार सुरक्षाबलों के साथ मंदिर में प्रवेश करने के रास्ते की ओर बढ़ रही थी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें हेलमेट, जैकेट आदि सब पहनाये गए. टीवी चैनल की पत्रकार कविता जक्कल भारी सुरक्षा के साथ पंबा से सन्निधनं से आगे बढ़ी, लेकिन उन्हे बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा.  

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इस मामले पर आईजी ने कहा, हम दोनों महिलाओं को मंदिर के परिसर तक ले गए थे लेकिन तांत्री और पुजारी ने उनके लिए मंदिर खोलने से इंकार कर दिया. इंतज़ार करते वक़्त तांत्री ने हमे सूचित किया कि अगर हमने महिलाओं को आगे लाने की कोशिश की तो वे मंदिर बंद कर देंगे.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह एक अनुष्ठान आपदा है. हम उन्हें मंदिर ले गए और सुरक्षा दी लेकिन 'दर्शन' पुजारी की सहमति से किया जा सकता है. हम उन्हें सुरक्षा देने के लिए तैयार है'

मंदिर के पुजारी ने कहा, 'हमने मंदिर को बंद करने का फैसला किया है. हम भक्तों के साथ खड़े हैं. मेरे पास कोई और विकल्प नहीं.'

इस्पेक्टर जनरल  एस श्रीजीत ने कहा, 'सबरीमाला मंदिर में पुलिस कुछ नहीं करेगी. हम भक्तों के साथ कुछ दिक्कत नहीं चाहते. हम कानून का पालन कर रहे हैं. मैं उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा कर  स्थिति पर उन्हें संक्षिप्त करूंगा.'

सूत्रों के मुताबिक, मंदिर का तांत्री परिवार और पांडलम शाही परिवार के सदस्य महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने के लिए मंदिरको बंद करने पर विचार कर रहे हैं.

गुरूवार को भीड़ ने दिल्ली की एक पत्रकार को भी आगे बढ़ने नहीं दिया . 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के लिए भारत की संवाददाता सुहासिनी राज अपने साथी के साथ पंबा तक पहुंच गईं थी लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया. 

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उठे विवाद पर गृह मंत्रालय का बयान सामने आया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकारकी है, क्योंकि वहां की कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के दायरे में आता है. गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर को केरल सरकार को एडवाइजरी भेज दी थी. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. केरल सरकार ने एडवाइजरी के जबाव में केंद्र को कानून और व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन का आश्वासन दिया है. एडवाइजरी में कहा गया है कि केरल में कानून-व्यवस्था बनाये रखना राज्य सरकार की जम्मेदारी है. गृह मंत्रालय राज्य सरकार द्वारा महिलाओं सहित सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देता है.

सबरीमाला परिसर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं बुधवार को प्रवेश नहीं कर पाई. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है. केंद्र ने केरल सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाया. महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं. कई प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया.

सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया. मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर को बंद होंगे. राज्य में भारी तनाव के चलते सन्निधनं, पांबा, नीलक्कल और एलवंगल में धारा 144 को लगा दी गई. सबरीमाला संरक्षण समिति ने गुरूवार को 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया. बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. त्रावणकोरे देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने इस मामले पर केंद्र और राज्य से अध्यादेश की मांग की.

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