सबरीमाला मामला: मुख्यमंत्री की बैठक से 'तंत्री' ने किया किनारा

सबरीमाला के तंत्री (मुख्य पुजारी) के प्रतिनिधि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेंगे.

सबरीमाला के तंत्री (मुख्य पुजारी) के प्रतिनिधि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेंगे.

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
सबरीमाला मामला: मुख्यमंत्री की बैठक से 'तंत्री' ने किया किनारा

पिनराई विजयन, केरल के मुख्यमंत्री (आईएएनएस)

सबरीमाला के तंत्री (मुख्य पुजारी) के प्रतिनिधि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेंगे. यह घोषणा रविवार को की गई. बैठक सोमवार को होनी है. यह बैठक 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस फैसले के संदर्भ में बुलाई गई है, जिसमें महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी.

Advertisment

सबरीमाला के पुजारी कंतारारु मोहनारु ने मीडिया को बताया, 'पहले हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के संबंध में राज्य सरकार का अंतिम निर्णय सुनने दें. एक बार यह ज्ञात हो जाने के बाद, हम तय करेंगे कि क्या करना है. मंदिर परिसर में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात करना मंदिर की प्रथाओं का उल्लंघन है.'

फैसले के बाद विजयन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की जाएगी और राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.

जब राज्य सरकार और त्रावणकोर देवसोम बोर्ड (टीडीबी जो मंदिर का संरक्षक) ने याचिका दायर न करने का फैसला किया, तब इसके विरोध में सैकड़ों श्रद्धालु सड़कों पर उतर आए.

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के वरिष्ठ नेता और टीडीबी अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड शुरू में पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए इच्छुक था, लेकिन विजयन द्वारा खुले तौर इसकी निंदा किए जाने के बाद उन्होंने ऐसा न करने का फैसला लिया.

तंत्री परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर ने कहा कि उनके पास विजयन सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन उनकी प्राथमिकता श्रद्धालुओं के साथ जुड़ा भावनात्मक लगाव है. 

ईश्वर ने कहा, "मंदिर के प्रमुख हितधारक राज्य सरकार और टीडीबी हैं और यदि वे पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करते हैं, तो अन्य पुनर्विचार याचिकाओं के लिए कोई स्थान नहीं होगा. यह समय की मांग है कि दोनों पार्टियां जरूरतमंदों की भावनाओं का ख्याल रखें."

और पढ़ें- सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ महिलाओं का मार्च, सरकार से पुनर्विचार याचिका की मांग

सोमवार की बैठक के बहिष्कार का निर्णय नायर सर्विस सोसायटी (हिंदू नायर समुदाय का सामाजिक सांस्कृतिक निकाय) के साथ विस्तार से परामर्श करने के बाद लिया गया. 

Source : News Nation Bureau

Supreme Court kerala SC Sabarimala Nair Service Society Chief priest nair
Advertisment