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इरुला की महिलाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करें: रामदौस ने तमिलनाडु के डीजीपी से किया आग्रह

इरुला की महिलाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करें: रामदौस ने तमिलनाडु के डीजीपी से किया आग्रह

Updated on: 23 Nov 2021, 03:20 PM

चेन्नई:

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस. रामदौस ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी. सिलेंद्र बाबू से तिरुकोइलूर स्टेशन के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिन्होंने दस साल पहले चार इरुला आदिवासी महिलाओं का कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था।

उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिसकर्मियों के खिलाफ सही चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है।

रामदौस ने कहा कि सिलेंद्र बाबू घटना के समय उत्तरी क्षेत्र के आईजी थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और इरुला महिलाओं की मदद की थी, लेकिन अब मामला अपने अंजाम तक पहुंचना चाहिए और महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए।

पीएमके नेता ने कहा कि असहाय इरुला महिलाओं के लिए न्याय में देरी करना वंचित करने के समान है और पीड़ितों को न्याय देने के लिए डीजीपी से आह्वान किया।

सुपरस्टार सूर्या अभिनीत फिल्म जय भीम में पुलिस हिरासत में एक इरुला आदिवासी युवक, राजकन्नू की यातना और उसके बाद की हत्या को दर्शाया गया है, जो वास्तविक जीवन की घटना थी जिसने 1993 के दौरान तमिलनाडु में कुड्डालोर को हिला दिया था।

सूर्या ने एडवोकेट चंद्रू की भूमिका निभाई है जिन्होंने मद्रास हाई कोर्ट में केस लड़कर पीड़ित की गर्भवती पत्नी को न्याय दिलाने में मदद की थी।

पीएमके ने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इसमें कुछ दृश्य वन्नियार समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहे हैं, जिसके बाद फिल्म के निर्देशक टीएस ज्ञानवेल ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि फिल्म एक गरीब असहाय व्यक्ति पर पुलिस की ज्यादती को चित्रित करने के लिए थी। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.