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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एस एण्ड पी) ने भारत की रेटिंग को बरकरार रखा है। रेटिंग में कोई बदलाव न करते हुए उसे बीबीबी-माइनस ही आउटलुक को स्थाई रखा है। लेकिन सरकार ने इसे अन्यायपूर्ण करार दिया है।
एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा समय आने वाला है। शुक्रवार को जारी किये गए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-20 के बीच अर्थव्यवस्था बेहतर होगी।
यह भी कहा गया है कि विदेशी मुद्रा कोष में वृद्धि बरकरार रहेगी। 13 साल बाद मूडीज द्वारा रेटिंग में सुधार के बाद सरकार को उम्मीद रही होगी कि S&P भी रेटिंग बढ़ाएगी।
एस एण्ड पी की रेटिंग ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही मूडीज़ ने भारत की रेटिंग बढ़ाई थी। मूडीज़ ने लगातार किये जा रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों के मद्देनज़र विकास के अवसर को पिछले 13 सालों में पहली बार बेहतर करार दिया है।
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एस एण्ड पी की तरफ से जारी एक बयान में कहा है कि भारत को दी गई रेटिंग उसकी मजबूती विकास दर, बेहतर विदेशी छवि और बेहतर मौद्रिक साख को प्रतिविंबित होती है।
बयान में कहा गया है कि भारत की कम प्रति व्यक्ति आय और अपेक्षाकृत ऊंचे सरकारी कर्ज उसकी मजबूती के सामने उसे संवेदनशील बनाते हैं।
प्रिंसिपल इकनॉमिक एडवाइज़र संजीव सान्याल ने एस एण्ड पी की रेटिंग को 'थोड़ा अन्यानपूर्ण' करार दिया है। उन्होंने कहा कम प्रति व्यक्ति आय न तो हमारी क्षमता को और न ही कर्ज़ अदायगी को प्रतिविंबित करता है।
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इकनॉमिक एफेयर सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एस एण्ड पी ने सुधारों का के परिणाम अगली रेटिंग में बढ़ें हुए दिखेंगे कहकर बहुत की सावधानी से अपनी रिपोर्ट रखी है।
उन्होंने कहा, 'हम इससे निराश नहीं हैं लेकिन हमारी उम्मीद ये थी कि सरकार ने जो किया है उसको पर भी विचार किया जाना चाहिये था।'
उन्होंने कहा कि एस एण्ड पी ने भारत के विकास को बताया है और सरकार सुधारों और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिये कदम उठाती रहेगी।
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Source : News Nation Bureau