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भारतीय दूतावास की मदद से रूस एजुकेशन ने छात्रों को भेजा भारत

कोरोना संक्रमितों का ग्राफ दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. जहां दुनिया में संक्रमितों की संख्या डेढ़ करोड़ के पार जा चुकी है वहीं देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा को 9.5 लाख के पार हो गया. कोरोना के कारण आज हर कोई अपने घरों को जाना चाहता है.

Updated on: 16 Jul 2020, 11:01 PM

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमितों का ग्राफ दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. जहां दुनिया में संक्रमितों की संख्या डेढ़ करोड़ के पार जा चुकी है वहीं देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा को 9.5 लाख के पार हो गया. कोरोना के कारण आज हर कोई अपने घरों को जाना चाहता है. कोरोना काल में लोग अपने घर पर रनहे को सबसे ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. दरअसल कोरोना काल के चलते उद्योग धंधे व शैक्षिण संस्‍थान भी काफी हद तक बंद हैं. इसलिए देश के भीतर ही नहीं जो भारतीय दुनिया के दूसरे देशों में रहते हैं वो भी देश वापसी कर रहे हैं.

इसी कड़ी में विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने जब वतन वापसी की इच्छा जताई तो रसियन कल्चर सेंटर और रूस एजुकेशन ने रूस में पढ़ रहे सभी छात्रों के लिए घर वापसी का इंतेज़ाम किया है. रूस एजुकेशन ने मास्को में स्थित भारतीय दूतावास से रूस की पर्म, ऑरेनबर्ग, योश्कर-ओला और टवर मेडिकल यूनिवसिर्टी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए चार्टेड फ्लाइट चलाने की मंजूरी ली है.

रूस एजुकेशन ने पर्म स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के लिए पर्म सिटी से 2, आरेनबर्ग स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पर रहे छात्रों के लिए 2, मैरी स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के लिए कज़ान शहर से 2 और मास्को से 3 चार्टेड फ्लाइट से टवर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी व अन्य विश्वविद्यालयों में पढञने वाले छात्रों के लिए संस्तुति की है. फिलहाल रूस एजुकेशन को छात्रों के लिए 3 फ्लाइट्स की अभी मंजूरी मिल चुकी है.

इनमें से पहली फ्लाइट 15 जून को रूस की राजधानी मास्को से दिल्ली के लिए रवाना भी हो गई. मॉस्को में भारतीय दूतावास ने भी इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी. दूतावास ने ट्वीट किया कि 'चार्टर्ड प्लेन आरएल 9905 ने 480 भारतीय नागरिकों को घर वापस लाने के लिए मास्को से दिल्ली के लिए उड़ान भरी. हम चाहते हैं कि वे सभी सुरक्षित अपने प्रियजनों तक पहुंचे!

दूसरी फ्लाइट आगामी 17 जुलाई को मास्को से अहमदाबाद और तीसरी फ्लाइट 22 जुलाई को फिर से मास्को से दिल्ली के लिए रवाना होगी.

पहली फ्लाइट से देश लौटने वाले पर्म मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र एम ग्रोवर, अभिषेक शर्मा, छात्रा प्रियांका पटेल एक अन्य यूनिवर्सिटी के छात्र आदित्य प्रकाश ने दिल्ली लौटने के पर बताया कि इस कठिन घड़ी में रूस एजुकेशन ने छात्रों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. खासकर तब जब ये फ्लाइटें निश्चित तौर पर बेहद मंहगी होती हैं, लेकिन रूस एजुकेशन ने हमें ये यात्रा बेहद सामान्य दरों पर उपलब्ध कराई.

रूस एजुकेशन के चेयरपर्सन डॉ. पवन कपूर ने बताया, "रूस से करीब 500 छात्र-छात्राओं को देश वापस लाया जा रहा है. ज्यादातर बच्चों की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं. ऐसा समय है कि बच्चे और उनके माता-पिता दोनों ही परेशान थे. इसलिए ये कदम उठाया गया है. इसमें रूस स्थित इंडियन एंबेसी ने हमारा सहयोग किया. बच्चों को चार्टेड फ्लाइट से लाया जा रहा है. एक फ्लाइट दिल्ली पहुंच चुकी है. इसमें दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, बिहार, पंजाब के छात्र हैं. शुक्रवार को जो बच्चे आएंगे वो अहमदाबाद जाएंगे, वे वहीं के आसपास के रहने वाले होंगे. हमें इस बात पर गर्व है कि देश का कोई भी बच्चा परेशानी में नहीं है और वे सभी सुरक्षित हैं।.

रसियन कल्चर सेंटर और रूस एजुकेशन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार रूस में पढ़ रहे कोई भी स्टूडेंट अगर भारत आना चाहता है उन्हें इं‌डियन एंबेसी की वेबसाइट पर मौजूद फॉर्म को भरना होगा. इसके अलावा भारत लौटने पर उन्हें 7 दिन के अनिवार्य तौर पर क्वॉरेंटीन होना पड़ेगा.