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कोरोना महामारी से ज्यादा दुनियाभर में फैली है ये अफवाहें

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है. दुनियाभर की सरकारों के सामूहिक प्रयासों के साथ-साथ लोगों के बीच कई तरह के अंधविश्वास भी पनपने लगे हैं. बीमारी का अभी कोई सटीक इलाज नहीं है. जिसके कारण से अंधेरे मेंतीर चलाया जा रहा है. भारत में ऐसे कई

Updated on: 23 Mar 2020, 08:01 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है. दुनियाभर की सरकारों के सामूहिक प्रयासों के साथ-साथ लोगों के बीच कई तरह के अंधविश्वास भी पनपने लगे हैं. बीमारी का अभी कोई सटीक इलाज नहीं है. जिसके कारण से अंधेरे मेंतीर चलाया जा रहा है. भारत में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं. जिनमें कोरोना वायरस का इलाज बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई मैसेज ऐसे देखने को मिल रहे हैं जिनमें कोरोना का इलाज बताया जा रहा है.

अरब देशों में फैला अंधविश्वास

कोरोना को लेकर मिडिल ईस्ट के देशों में कुछ ज्यादा ही अंधविश्वास फैला हुआ है. सऊदी अरब के एक इंटेलेक्चुअल के मुताबिक कोरोना वायरस को कतर ने फैलाया है. ताकि सउदी के विकास प्लान 2030 को रोका जा सके. वहीं एक रूढ़ीवादी नेता का कहना है कि महामारी का मतलब होता है कि दुनिया में कोई मसीहा आने वाला है. मिडल ईस्ट में कोरोना के कारण धार्मिक तनाव बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है.

सऊदी अरब के एक पत्रकार नौरा-अल-मोटेरी का दावा है कि कोरोना वायरस के पीछे कतर का हाथ है. वह सउदी को विकास की दौड़ में पीछे करना चाहता है. मोटेरी ने इसे लेकर ट्वीट किया जिसकी खूब आलोचना हो रही है. वहीं यहूदियों का धार्मिक केंद्र इजरायल का मानना है कि इस महामारी के साथ ही एक मसीहा आने वाला है.

चीन में भी अंधविश्वास

कोरोना को लेकर पनपा अंधविश्वास सिर्फ मिडिल ईस्ट ही नहीं चीन में भी पैर पसार चुकी है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक कोरोना को लेकर चीन में भी खूब अंधविश्वास फैला हुआ है. बहुत से चीनी लोगों का मानना है कि इस महामारी का फैलना चीन का दुर्भाग्य है. वहीं कुछ का मानना है कि किसी शाप, तंत्र-मंत्र या जादू-टोने का यह असर है.

वहीं यूरोप में भी एक तरह का अंधविश्वास फैला है. वह है शुक्रवार के दिन यात्रा न करने का.

एक दूसरे पर आरोप लगा रहे देश

कोरोना वायरस पर फैला अंधविश्वास अगर लोगों के बीच है तो वहीं बड़े बड़े देश अफवाह की चपेट में हैं. कई देश इसे बायोअटैक भी बता रहे हैं. विशेष रूप से पश्चिमी देश इसे चीन के द्वारा तैयार बायो वेपन बता रहे हैं.