रूस ने पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने और मजबूत करने की इच्छा जताई है। इस बीच रूस से कच्चे तेल की पहली खेप गत सप्ताहांत पर कराची बंदरगाह पहुंच गई। मीडिया ने यह जानकारी दी है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मास्को और इस्लामाबाद के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक वीडियो बयान जारी कर दक्षिण एशियाई राष्ट्र के साथ सहयोग बढ़ाने की अपने देश की इच्छा व्यक्त की।
पाकिस्तान और रूस शीत युद्ध के धुर प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन हाल के वर्षों में उनके द्विपक्षीय संबंधों ने सकारात्मक मोड़ लिया है। दोनों पक्ष अतीत को पीछे छोड़कर नई वास्तविकताओं को समायोजित करने के इच्छुक हैं।
दोनों देश वर्षों की शांत आपसी कूटनीति को मूर्त परिणामों में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि अप्रैल में दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने पाकिस्तान को सप्ताहांत में पहला रूसी तेल शिपमेंट प्राप्त करने की अनुमति दी।
रूसी तेल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद हो सकता है या नहीं, इसका आकलन करने के लिए पहली खेप पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। बताया गया है कि पहली खेप को रियायती दर पर आयात किया गया था।
लावरोव ने एक बयान में कहा, हम जानते हैं कि पाकिस्तानी लोगों की रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति कितनी दिलचस्पी और सम्मान है। हम इसकी बहुत सराहना करते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल में द्विपक्षीय संबंधों में अलग-अलग समय रहे हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया, हालांकि, उन्होंने कहा, रूस हमेशा से पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने में रुचि रखता था, और किसी भी परिस्थिति में अपनी प्रतिबद्धताओं को नहीं छोड़ा है।
लावरोव ने कहा, अफगानिस्तान में संघर्ष के बावजूद, 1980 के दशक में कराची में सबसे बड़ी स्टील मिल (जिसे अब पाकिस्तान स्टील मिल कहा जाता है) के निर्माण में सोवियत विशेषज्ञों की भागीदारी इसका स्पष्ट प्रमाण है। गुड्डू थर्मल पावर प्लांट उस समय आपके देश में सबसे बड़ा था।
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Source : IANS