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अमेजन पर आरएसएस का बयान अप्रासंगिक : कांग्रेस

अमेजन पर आरएसएस का बयान अप्रासंगिक : कांग्रेस

Updated on: 27 Sep 2021, 06:10 PM

नई दिल्ली:

आरएसएस की ओर झुकाव वाली पत्रिका पांचजन्य ने जेफ बेजोस पर हमला करने के बाद अमेजन के खिलाफ एक कवर स्टोरी प्रकाशित की, जिसमें इसे ईस्ट इंडिया कंपनी की दूसरी पीढ़ी कहा, जिसने व्यापारिक हितों के साथ भारत में प्रवेश किया, लेकिन इसे 200 साल तक उपनिवेश बनाए रखा। कांग्रेस का कहना है कि अमेजन के बारे में आरएसएस जो कह रहा है वह अप्रासंगिक है, लेकिन कंपनी के खिलाफ रिश्वत के आरोप की जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा, आरएसएस अमेजन पर जो कह रहा है, वह अप्रासंगिक है, क्योंकि भाजपा और आरएसएस के बीच एक जुगलबंदी चल रही है। हमने उनकी जुगलबंदी देखी है, वे किसान आंदोलन में बेनकाब हो गए हैं। हमने किसान आंदोलन में बीकेएस (भारतीय किसान संघ)) द्वारा निभाई गई संदिग्ध भूमिका देखी है। वे पिछले एक साल में किसानों के समर्थन में एक दिन के लिए नहीं आए, इसलिए कोई भी अब आरएसएस को गंभीरता से नहीं लेता है। वे राष्ट्रीय हित में नहीं, बल्कि भाजपा के हित में बात करते हैं।

कांग्रेस ने पिछले हफ्ते सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने भ्रष्टाचार के रूप में कानूनी फीस का भुगतान किया और पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था, कानून मंत्रालय का बजट 1,100 करोड़ रुपये का है, मगर ई-कॉमर्स कंपनी ने दो साल में कानूनी शुल्क के रूप में उसे 8,546 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

बेजोस की तस्वीर के साथ छपी कवर स्टोरी में आरएसएस की पत्रिका ने अमेजन पर रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के बाद अब भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया है। पांचजन्य ने अमेजन पर प्राइम वीडियो फिल्मों और सामग्री के माध्यम से हिंदू मूल्यों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है।

पांचजन्य अपनी कवर स्टोरी के सार में कहता है, अमेजन भी भारतीय बाजार पर एकाधिकार चाहता है। इसके लिए उसने यहां के लोगों की राजनीतिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को घेरने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। इस पर ई-मार्केट प्लेटफॉर्म पर कब्जा करने के लिए फर्जी कंपनियां खोलने और अपने पक्ष में नीतियां बनाने के लिए रिश्वत देने का आरोप है। यह प्राइम वीडियो के माध्यम से भारतीय संस्कृति के विरोध में कार्यक्रमों का प्रसारण करता है।

कहानी उन आरोपों को संदर्भित करती है कि अमेजन के कानूनी प्रतिनिधियों ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी, और सवाल उठाती है : इसने (कंपनी) ने क्या गलत किया, जिसे रिश्वत देने की जरूरत पड़ी .. लोग इस कंपनी को स्वदेशी उद्यमिता, आर्थिक स्वतंत्रता और संस्कृति के लिए खतरा क्यों मानते हैं?

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.