चुनावी साल 2019 के पहले दिन ही पीएम मोदी के इंटरव्यू ने जहां एक तरफ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम मोदी को राम मंदिर के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का भी साथ मिल गया है. आरएसएस को बीजेपी का मातृ संगठन कहा जाता है. राम मंदिर पर पीएम मोदी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार और उसके बाद ही अध्यादेश लाने की बात पर आरएसएस ने ट्वीट के जरिए कहा है कि, 'श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभाव्य प्रयास करने का वादा किया है. भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर बीजेपी को बहुमत दिया है. हमें आज का प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है. प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है.
आरएसएस की तरफ से एक बाद एक ट्वीट कर पीएम मोदी के बयान के समर्थन में आगे कहा गया कि, 'इस प्रस्ताव में बीजेपी ने कहा था की अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य क़ानून बनाने (enabling legislation) का प्रयास करेंगे'
पीएम मोदी ने क्या कहा राम मंदिर
पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाएगा. 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट जब इस मामले को सुनेगा तो जल्द सुनवाई पूरी करने का रास्ता निकलेगा. न्यूज़ एजेंसी एएनआई (ANI) को दिए इंटरव्यू में उन्होंने हिंदू संगठनों के मांग को खारिज करते हुए कहा कि मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश नहीं लाया जाएगा.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही आरएसएस समेत ज्यादातर हिंदू संगठन राम मंदिर के निर्माण के लिए मोदी सरकार पर दबाव बना रहे थे और उन्हें कोर्ट का फैसला नहीं आने पर अध्यादेश लाकर या फिर कानून बनाकर राम मंदिर के निर्माण की मांग कर रहे थे.
Source : News Nation Bureau