अकाल तख्त (Akal Takht) प्रमुख बोले- बैन हो आरएसएस, मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) का बयान देशहित में नहीं

अकाल तख्त (Akal Takht) के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Gyani Harpreet Singh) ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को देश में बैन कर देना चाहिए.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
अकाल तख्त (Akal Takht) प्रमुख बोले- बैन हो आरएसएस, मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) का बयान देशहित में नहीं

ज्ञानी हरप्रीत सिंह और मोहन भागवत( Photo Credit : File)

अकाल तख्त (Akal Takht) के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Gyani Harpreet Singh) ने सोमवार को न्‍यूज नेशन से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को देश में बैन कर देना चाहिए. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के बयान देशहित में नहीं है, यह देश को बर्बाद करने वाला कथन है. बता दें मोहन भागवत ने भारत (India) को एक हिंदू राष्ट्र बताया था.

Advertisment

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा था कि संघ अपने इस नजरिए पर अडिग है कि ‘भारत एक हिंदू राष्ट्र’ है. विजयदशमी के दिन नागपुर में अपने संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि राष्ट्र के वैभव और शांति के लिए काम कर रहे सभी भारतीय ‘हिंदू’ हैं. संघ की अपने राष्ट्र की पहचान के बारे में, हम सबकी सामूहिक पहचान के बारे में, हमारे देश के स्वभाव की पहचान के बारे में स्पष्ट दृष्टि व घोषणा है, वह सुविचारित व अडिग है, कि भारत हिंदुस्तान, हिंदू राष्ट्र है.’

वहीं मोहन भागवत के इस बयान पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी खफा है. एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि यह बयान बेहद आपत्तिजनक है . संविधान ने सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता दी है. ऐसा लगता है कि भागवत संविधान को न देखते हुए हिंदू राष्ट्र का अपना एजेंडा सभी पर थोपना चाहते हैं.

यह भी पढ़ेंः हिंदुस्‍तान के शीर्ष 3 संवैधानिक पदों पर आसीन हैं संघ की शाखा से निकले ये स्‍वयंसेवक

इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के हिन्दू वाले बयान पर कहा था कि भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, ना है और न ही कभी बनेगा.

संघ पर तीन बार लग चुका है प्रतिबंध

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद पहली बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगा. उनकी हत्‍या को संघ से जोड़कर देखा गया. RSS के दूसरे सरसंघचालक गुरु गोलवलकर को भी बंदी बनाया गया. 18 महीने के बाद संघ से प्रतिबंध हटा दिया गया. दूसरी बार RSS पर बैन आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 लगा. तीसरी बार 1992 में संघ पर प्रतिबंध लगाया गया जब 6 दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी.

Akal Takht RSS Mohan Bhagwat
      
Advertisment