logo-image

शरणार्थी (refugee) के बजाय विदेशी (foreigner) बनकर रहो, किसी को भगाया नहीं जाएगा,, NRC पर RSS नेता इंद्रेश बोले

Be a foreigner instead of a refugee : इंद्रेश कुमार ने देश में बिना नागरिकता के रह रहे लोगों से कहा, "आप शरणार्थी के बजाय विदेशी बनकर रहो न! दुनिया के जो कानून हैं, उसे एंज्वॉय करिए, जो लोग एक्स्ट्रा (अतिरिक्त) रहेंगे, उनके लिए विश्व में जो नियम बने हैं, वही लागू होगा.

Updated on: 08 Nov 2019, 07:01 AM

नई दिल्‍ली:

देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि दुनिया के हर देश की तरह भारत में भी मूल नागरिकों का पंजीकरण बहुत जरूरी है. मगर एनआरसी से बाहर रहने वालों को भी सम्मान से जीने का अधिकार मिलेगा. उन्होंने कहा, "सूची से अतिरिक्त बचे लोगों को कोई हुकूमत मारने और भगाने का काम नहीं करेगी." संघ नेता का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि भाजपा के बड़े नेता अवैध तरह से रह रहे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से खदेड़ने का दावा करते रहे हैं. संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "दुनिया के सभी देशों में नागरिकों का पंजीकरण होता है. भारत में जो एनआरसी से बाहर रह जाएंगे, कोई हुकूमत न उनका कत्ल करेगी, न भगाएगी. जो इस मसले को भड़काते हैं, वे मानवता और इस्लाम के दुश्मन हैं."

यह भी पढ़ें : अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को किया अलर्ट

इंद्रेश कुमार ने देश में बिना नागरिकता के रह रहे लोगों से कहा, "आप शरणार्थी के बजाय विदेशी बनकर रहो न! दुनिया के जो कानून हैं, उसे एंज्वॉय करिए, जो लोग एक्स्ट्रा (अतिरिक्त) रहेंगे, उनके लिए विश्व में जो नियम बने हैं, वही लागू होगा. सरकार जीने का अधिकार देती है और देती रहेगी. जो लोग भ्रम और भय पैदा करना चाहते हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं."

इंद्रेश कुमार ने एनआरसी पर आगे कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके नागरिक दुनिया के लगभग हर देश में रहते हैं. भारत के लाखों लोग 133 देशों में रहते हैं. वहां वे विदेशी नागरिक के तौर पर जीते हैं. भारत में भी विदेशी नागरिक रहते हैं। इस नाते भारत में भी नागरिकों के लिए रजिस्टर बनना जरूरी है.

उन्होंने कहा, "लेकिन नागरिक रजिस्टर से जो बाहर है, उसे न तो कोई मार रहा है और न ही उसकी नौकरी छीन रहा है. भारत में जो ऐसे लोग रहेंगे, उन्हें सम्मान मिलेगा. उनके लिए कानून बनेगा."

यह भी पढ़ें : अयोध्या फैसले के मद्देनजर अंबेडकरनगर के कॉलेजों में बनी 8 अस्थायी जेलें

इंद्रेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, "भारत से 43 लाख मुसलमान कभी पाकिस्तान बनाने के लिए गए थे, आज उनकी संख्या करीब 80 लाख है. अपने मुल्क से गद्दारी और दूसरे मुल्क से मोहब्बत कर बड़े बहादुरी से गए थे. आज पाकिस्तान उन्हें अपना नागरिक ही नहीं मानता, उन्हें वोट डालने का भी अधिकारी नहीं है। न वह पाकिस्तान के हैं और न ही हिंदुस्तानी रहे."