आरएसएस ने कहा अक्साई चीन वापस करे चीन, पीओके भी भारत को दिलाए
आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने चीन से मांग की है कि वह न सिर्फ अपनी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाए, बल्कि यह भी कहा है कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान पर दबाव डाल अनधिकृत रूप से कब्जे वाले पाक अधिकृत कश्मीर को भी भारत को वापस दिलाए.
highlights
- आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने चीन से अक्साई चीन भारत को सौंपने को कहा.
- साथ ही पाकिस्तान को समझा कर पीओके भी भारत के हवाले करने की मांग रखी.
- कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला है और चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों पर संयम बरते.
नई दिल्ली:
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने चीन से मांग की है कि वह न सिर्फ अपनी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाए, बल्कि यह भी कहा है कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान पर दबाव डाल अनधिकृत रूप से कब्जे वाले पाक अधिकृत कश्मीर को भी भारत को वापस दिलाए. इसके साथ ही उन्होंने चीन के कब्जे वाले अक्साई चीन के हिस्से को भी भारत को सौंपने का मसला उठाया. गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 11 और 12 अक्टूबर को महाबलीपुरम में बातचीत होनी है.
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अक्साई चीन पर कब्जा छोड़ चीन विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाए
एक समाचार एजेंसी से बातचीत में इंद्रेश कुमार ने कहा कि शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच क्या बातचीत होती है, यह पूरी तरह से उन पर निर्भर है. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह को चीन के अनधिकृत कब्जे वाले अक्साई चीन का मसला जरूर उठाना चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में खासतौर पर कहा था कि अक्साई चीन अखंड भारत का हिस्सा है. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि इस मसले पर भी देर-सवेर चर्चा जरूर होनी है. इसके साथ ही उन्होंने चीन से आग्रह किया कि वह अपनी विस्तारवादी नीतियों पर रोक लगाते हुए अक्साई चीन को भारत के हवाले कर दे.
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विभाजन के समय संयुक्त जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने चीन द्वारा कश्मीर के मसले को दि्वपक्षीय मानने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि चीन को इसे भारत के अंदरूनी मसले के तौर पर ही देखना होगा. समय-समय पर अखंड भारत की आवाज बुलंद करने वाले आरएसएस नेता ने कहा कि चीन को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को समझाना चाहिए कि वह अनधिकृत से कब्जे वाला पीओके भी भारत के हवाले कर दे. उन्होंने कहा कि 1947 के विभाजन के समय संयुक्त जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चीन को मंझोले और छोटे व्यापारियों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों से भी खुद को दूर रखना चाहिए. उनका कहना था कि इससे भारत में बेरोजगारी ही फैलती है.
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