RSS के विचारक एमजी वैद्य का नागपुर में हुआ निधन, कल होगा अंतिम संस्कार
संघ विचारक एमजी वैद्य का महाराष्ट्र के नागपुर में निधन हो गया. आरएसएस के वयोवृद्ध विचारक एमजी वैद्य ने शनिवार को आखिरी सांसे लीं. एमजी वैद्य के निधन पर संघ परिवार शोक में डूब गया है.
नई दिल्ली :
संघ विचारक एमजी वैद्य (माधव गोविंद वैद्य) का महाराष्ट्र के नागपुर में निधन हो गया. आरएसएस के वयोवृद्ध विचारक एमजी वैद्य ने शनिवार को आखिरी सांसे लीं. एमजी वैद्य के निधन पर संघ परिवार शोक में डूब गया है. आरएसएस के वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य का अंतिम संस्कार रविवार को होगा.
माधव गोविंद वैद्य के पोते विष्णु वैद्य ने बताया कि अपराह्न 3:35 बजे एक निजी अस्पताल में उनका निधन हुआय विष्णु वैद्य ने बताया, ‘‘वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे लेकिन बाद में ठीक हो गए थे. उनका स्वास्थ्य शुक्रवार को अचानक बिगड़ गया.”
संगठन की स्थापना होने के करीब दो दशक बाद माधव गोविंद वैद्य आरएसएस के स्वयंसेवक बने और करीब आठ दशक तक इससे जुड़े रहे. शहर के आरएसएस समर्थित मराठी दैनिक ''तरुण भारत'' के पूर्व मुख्य संपादक वैद्य नागपुर में मोरिस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही 1943 में संघ के सदस्य बने.
तरुण भारत के एक पूर्व संपादक ने कहा कि वैद्य आरएसएस के पहले 'प्रचार प्रमुख' (प्रवक्ता) नियुक्त किए गए थे. उन्होंने बताया कि वैद्य संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख भी रहे. इस वर्ष जनवरी में वैद्य ने महाराष्ट्र को चार हिस्सों में विभाजित करने की मांग उठाकर विवाद खड़ा कर दिया था और इस मांग को लेकर वह विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए थे.
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वर्धा जिले की तरोडा तहसील में जन्मे वैद्य एमए में स्वर्ण पदक विजेता थे. उन्होंने 1949 से 1966 तक नागपुर के हिस्लोप कॉलेज में अध्यापन भी किया और इस दौरान वह आरएसएस से भी जुड़े रहे. वैद्य 1966 में तरुण भारत के संपादकीय विभाग का हिस्सा बने. वह 1978 से 1984 तक महाराष्ट्र विधान परिषद के नामित सदस्य भी रहे.
वैद्य ने कई किताबें लिखीं और वह करीब 25 वर्षों तक तरुण भारत में भी स्तंभ लिखते रहे. वैद्य उन चंद लोगों में शुमार रहे जो आरएसएस के शुरुआती दिनों से लेकर इसके विस्तार के साक्षी बने. वैद्य के परिवार में उनकी पत्नी सुनंदा, तीन बेटियां और आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य समेत पांच बेटे हैं.
वैद्य ने संघ संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार समेत अब तक रहे संघ के सभी छह सरसंघ चालकों को देखा है. मनमोहन वैद्य ने ट्वीट किया, '' मेरे पिता एमजी वैद्य ने सक्रिय, सार्थक और प्रेरक जीवन के 97 वर्ष पूर्ण करने के बाद आज नागपुर में अपराह्न 3:35 बजे अंतिम सांस ली. वह वरिष्ठ पत्रकार और एक हिंदुत्व भाष्यकार थे. वह नौ दशकों तक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक रहे.''
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अपने शोक संदेश में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने वैद्य को बहुआयामी प्रतिभा का धनी और उत्कृष्ट पत्रकार करार दिया. उन्होंने कहा कि संघ ने एक वरिष्ठ सहयोगी को खो दिया.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वैद्य अपने 100 वर्ष पूरे करेंगे लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. गडकरी ने ट्वीट किया, '' आरएसएस की विचारधारा को आकार देने में उन्होंने अहम योगदान दिया,'' गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी ट्वीट करके वैद्य के निधन पर शोक जताया.
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