दलितों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा को RSS ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया

दलित संगठनों के सोमवार के प्रदर्शनों के दौरान हिसा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

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Aditi Singh
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दलितों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा को RSS ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया

नुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों में बदलाव के शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ दलित संगठनों के सोमवार के प्रदर्शनों के दौरान हिसा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

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संघ ने लोगों से शांति बनाए रखने में मदद देने की अपील की है।

आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश जोशी ने एक बयान में कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय के एससी-एसटी एक्ट से संबंधित आदेश के खिलाफ हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। आरएसएस अदालत के आदेश से सहमत नहीं है और सरकार ने इसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर कर सही फैसला किया है।'

आरएसएस ने लोगों से अपील की है कि वे समाज में अच्छा माहौल बनाए रखने में योगदान दें और किसी भी तरह के विद्वेषपर्ण प्रोपेगेंडे से खुद को अलग रखें।

जोशी ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद आरएसएस के खिलाफ आधारहीन और निंदनीय विद्वेषपूर्ण प्रचार किया जा रहा है। अदालत के फैसले में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं है।'

उन्होंने कहा कि आरएसएस ने हमेशा जाति के नाम पर भेदभाव और जुल्म का विरोध किया है और ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए हमेशा संबंधित कानूनों पर अमल के लिए कहा है।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'यह भाजपा-आरएसएस के डीएनए में है कि दलितों को भारतीय समाज के निचली पायदान पर बनाए रखो। जो लोग इस सोच का विरोध कर रहे हैं, हिंसा का शिकार हो रहे हैं।'

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शुरू हुआ दलितों का आंदोलन देखते-देखते उपद्रव में तब्दील हो गया और इसमें कुल 9 लोगों की जान चली गई।

आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 6 जबकि उत्तर प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो गई। वहीं राजस्थान में एक व्यक्ति पुलिस की गोली से मारा गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अपने एक आदेश में कहा था कि पुलिस इस एक्ट के तहत दर्ज शिकायत पर कार्रवाई करने से पहले उसकी सत्यता का पता लगाने के लिए जांच करेगी।

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Source : News Nation Bureau

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