कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 12 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मामले में ठाणे की अदालत में पेश होंगे। राहुल इससे पहले भी इस मामले में पेश हो चुके हैं।
बता दें कि राहुल ने एक रैली में कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस की विचारधारा जिम्मेदार है। हत्यारा नाथूराम गोडसे राष्ट्रपिता को गोली मारने के समय भले ही हिंदू महासभा का सदस्य था, लेकिन इससे पहले वह आरएसएस का सदस्य था और उसकी विचारधारा वही थी जो आरएसएस की है।
हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के एक कार्यक्रम में भाग लेने नागपुर गए थे, जिस पर उनकी बेटी शर्मिष्ठा सहित कई कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी प्रकट की थी।
प्रणब ने आरएसएस के मंच पर भारत के गौरवशाली इतिहास और सद्भावपूर्ण साझा संस्कृति की चर्चा की और हिंदूवादी नहीं, बल्कि संविधान सम्मत राष्ट्रवाद पर जोर दिया तथा देश में बढ़ती असहिष्णुता की निंदा की, लेकिन महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र नहीं किया था।
महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र न करने को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने क्षोभ प्रकट किया है।
आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने मार्च 2014 में ठाणे की एक रैली में राहुल गांधी के बयान के बाद मानहानि का मामला दायर किया था। रैली में राहुल ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था।
ठाणे के भिवंडी की अदालत द्वारा 12 जून की सुनवाई में कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ आरोप तय किए जाने की संभावना है।
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राहुल अदालत में पेशी के बाद मुंबई के लिए रवाना होंगे और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण अभ्यास के तहत गोरेगांव के बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र में पार्टी के बूथ स्तर के 15,000 कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत करेंगे।
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा कि यह राष्ट्रीय प्रयास 'प्रोजेक्ट शक्ति' के लांच को चिह्न्ति करेगा, जिसके माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेंगे।
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उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अपने बुनियादी विवरणों का उपयोग कर परियोजना के लिए नामांकन कर सकेंगे और यह पुष्टि उनके वास्तव में कांग्रेसी होने का सबूत होगी। इन लोगों को फिर एक संपर्क नंबर पर एसएमएस भेजने की जरूरत होगी, जो उन्हें पार्टी के अधिकारियों द्वारा मुहैया कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ अपने विचारों और सुझावों को साझा करने में सक्षम बनाएगा, जो आंतरिक रूप से संपर्क के उचित प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए उनके मनोबल को बढ़ावा देगा।
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Source : IANS