मोहन भागवत बोले- भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है.

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Deepak Pandey
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मोहन भागवत बोले- भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है RSS

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो. उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति पर ध्यान दिए बिना, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति तथा उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है.

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मोहन भागवत ने आगे कहा कि संपूर्ण समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य संगठित समाज का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो, किसी स्वरूप में पूजा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वास नहीं करता हो, एक हिंदू है. इस संबंध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज है.

भागवत ने आगे कहा कि आरएसएस सभी को स्वीकार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के लिए उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है. भागवत तेलंगाना से आरएसएस सदस्यों के तीन दिवसीय ‘विजय संकल्प शिविर’ के तहत यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को काफी उम्मीदें हैं. संघ का मानना है कि इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के चलते भागने को मजबूर हुए तीन करोड़ से अधिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इन अल्पसंख्यकों में हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं.

संघ ने इस विधेयक को ऐतिहासिक भूल सुधार की कोशिश बताते हुए कहा था कि देश का विभाजन एक गलती थी. पड़ोसी मुस्लिम देशों में उत्पीड़न के शिकार हिंदू आदि अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलने से गलती दुरुस्त होगी. संविधान सभा में भी इसको लेकर बहस हो चुकी है.

Source : News Nation Bureau

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