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RSS प्रमुख मोहन भागवत( Photo Credit : News Nation )
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान में गांधी जी के ऊपर लिखे पुस्तक का विमोचन किया. यह पुस्तक गांधीजी की 1909 की रचना हिंद स्वराज’ ‘धर्म’ यानि सही मार्ग चुनने को लेकर है. महात्मा गांधी की ‘जागरूक हिन्दू’ बनने की यात्रा पर किताब ‘मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियॉट: बैकग्राउंड ऑफ हिंद स्वराज’को जे के बजाज और एम डी श्रीनिवास ने लिखा है. बजाज दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज में डायरेक्टर और श्रीनिवास ट्रस्टी हैं.
पुस्तक विमोचन के मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि गांधी जी की देश भक्ति धर्म से निकलती थी. उन्होंने कहा 'गांधी जी ने कहा है मेरी देश भक्ति धर्म से ही निकलती है. हिन्दू है तो राष्ट्रभक्त होगा ही'. उन्होंने आगे बताया कि गांधी जी ने कहा था कि सभी धर्मों का धर्म मेरा धर्म है. अलग अलग होने के वावजूद एक हो कर रह सकते है,पुस्तक,गुरु,पूजा पद्धति कुछ भी हो सर एक ही है.
इस किताब में महात्मा गांधी की ‘जागरूक हिन्दू’ बनने की यात्रा को बताया गया है, पोरबंदर गुजरात में जन्म से लेकर 1914 तक जब उन्होंने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की यात्राएं कीं. लेखक के अनुसार गांधी जी ने इंग्लैंड में संस्कृत में गीता पढ़ी. जब वो दक्षिण अफ्रीका गए तो प्रीटोरिया में पहले साल के दौरान उनका नियोक्ता मुस्लिम था जिसका अटॉर्नी ईसाई था. क्योंकि गांधी बहुत धार्मिक व्यक्ति थे, इसलिए उन दोनों ने उन्हें अपने धर्म में आने की पेशकश की. गांधी ने उनसे कहा कि वो इस पर विचार करेंगे. लेकिन, धर्मपरिवर्तन से पहले वे इसके लिए आश्वस्त होना चाहेंगे कि उनका अपना धर्म उन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है जो धर्म से चाहते हैं. अगर मुझे कमी दिखाई दी तो मैं आपके पास आऊंगा.
Source : News Nation Bureau