आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सामाजिक दूरी को महत्वपूर्ण बताते हुए स्वयंसेवकों से इस वैश्विक महामारी से लड़ने का संकल्प लेने और सामाजिक अनुशासन का पालन करके मिसाल कायम करने को कहा. भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वेबसाइट पर बुधवार को लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से स्वयंसेवकों को वर्ष प्रतिपदा यानी हिंदू नववर्ष के आरंभ के अवसर पर संबोधित किया. भागवत ने कहा कि इस नव वर्ष में पूरी दुनिया एक वैश्विक संकट से जूझ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत भी अन्य देशों के साथ मिलकर इस वैश्विक समस्या से लड़ रहा हैं. अत: यह स्वयंसेवकों के लिए एक संकल्प लेने का दिन है. कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ने और उसे हराने के लिए देशभर में प्रयास किए जा रहे हैं और हमें हमारी सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखकर इस दिशा में काम करते हुए इस लड़ाई को जीतने का संकल्प लेने की आवश्यकता है.’’ भागवत ने कहा कि इस लड़ाई में समाज द्वारा नियमों का पालन अहम बात है.
यह भी पढ़ें : Good News : बिना लॉकडाउन द. कोरिया ने कैसे हरा दिया कोरोना वायरस को, जानें क्या उपाय किए
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दवाइयां और अन्य चीजें भी मददगार होंगी, लेकिन इस लड़ाई में मूलभूत बात सामाजिक दूरी है और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि समाज इस सामाजिक जिम्मेदारी को किस प्रकार निभाता है.’’ भागवत ने कहा कि संघ ने स्वयंसेवकों को सामाजिक अनुशासन का पालन करना हमेशा सिखाया है और ‘‘हमारे द्वारा इसका पालन करने से समाज पर भी इसका असर होगा’’.
उन्होंने भरोसा जताया कि इस वैश्विक संकट के खिलाफ जंग में स्वयंसेवक देश के सामने मिसाल कायम करेंगे. भागवत ने कहा, ‘‘हम आगामी 21 दिन के लिए घोषित लॉकडाउन के बाद संघ के काम जारी रख सकते हैं.’’ उन्होंने लोगों से अपने घरों या इमारतों में पांच से सात लोगों के छोटे समूहों में प्रार्थना करने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे परिवार के सदस्यों के साथ प्रार्थना कर सकते हैं.’’
यह भी पढ़ें : सिंगापुर मॉडल के सामने कोरोना वायरस ने खड़े किए हाथ, भारत भी उठा सकता है फायदा
भागवत ने कहा कि सरकार्यवाह स्वयंसेवकों को सरकार की ओर से तैयार नीति के अनुसार समय-समय पर आवश्यक निर्देश देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार की ओर से बनाए गए नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. स्वयंसेवक सरकार के साथ सहयोग करने, सामाजिक जागरुकता पैदा करने और सरकार की अनुमति से राहत सामग्री मुहैया कराने जैसी उन्हें दी गई जिम्मेदारियां पहले ही निभा रहे हैं.’’
Source : Bhasha