दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून ( Citizenship Amendment Act) को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बड़ी बात कही है. संघ प्रमुख ने कहा है कि अगर हमारे देश में कुछ भी उलटा-सीधा होता है तो हम अंग्रेजों को उसका दोष नहीं दे सकते. संघ प्रमुख ने आगे कहा कि जब हम गुलाम थे तब जैसा चलता था वैसा चलता था लेकिन अब नहीं चलेगा.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में चल रहे नववर्ष 2020 कार्यक्रम में सामाजिक अनुशासन पर जोर देते हुए कहा, हम अब स्वतंत्र हो चुके हैं. आज अपने देश में अपना राज है. राज्य की स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारु रूप से चलता रहे इसके लिए सामाजिक और नागरिक अनुशासन बेहद आवश्यक है.
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उन्होंने कहा कि हमारे देश में अब जो कुछ भी होगा उसके लिए हम जिम्मेदार होंगे. इसलिए हमको कोई भी निर्णय लेने से पहले बहुत बार विचार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जब गुलाम थे तब जैसा चलता था वैसा चलता था लेकिन अब नहीं चलेगा.
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अपने भाषण में उन्होंने भगिनी निवेदिता का भी जिक्र करते हुए कहा, इसके बारे में स्वतंत्रता से पूर्व भगिनी निवेदिता ने हम सभी लोगों को सचेत किया था कि देशभक्ति की दैनिक जीवन में अभिव्यक्ति नागरिकता के अनुशासन को पालन करने की होती है. अपने भाषण में मोहन भागवत ने अंबेडकर के भाषणा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रत भारत का संविधान पेश करते हुए अंबेडकर साहब ने दो भाषण संसद में पेश किए थे. इन भाषणों में उन्होंने जिन बातों का जिक्र किया था वो यही बात हैं.