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ओवैसी ने पीएम मोदी से पूछा, 'जब तस्लीमा बहन बन सकती हैं तो रोहिंग्या भाई क्यों नहीं?'

ओवैसी ने एक जनसभा में गुरुवार को कहा कि जब सरकार तिब्बत के बौद्ध शरणार्थी को जगह दे सकती है तो 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम को मोदी सरकार वापस भेजने पर क्यो तुली है।

Updated on: 15 Sep 2017, 12:19 PM

highlights

  • ओवैसी ने केंद्र सरकार के सु्प्रीम कोर्ट में हलफनामे पर साधा निशाना
  • ओवैसी ने कहा, जब तमिल शरणार्थी, तिब्बत के शरणार्थी रह सकते हैं तो रोहिंग्य क्यों नहीं
  • बुलेट ट्रेन पर भी ओवैसी ने कसा तंज, खुद पर हमले की जताई आशंका

नई दिल्ली:

AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रोहिंग्या मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि जब तस्लीमा नसरीन भारत में रह सकती हैं तो रोहिंग्या मुसलमान क्यों नहीं।

ओवैसी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'जब तस्लीमा आपकी बहन बन सकती है तो क्या रोहिंग्या आपके भाई नहीं बन सकते मिस्टर मोदी? क्या ये इंसानियत है कि जिसका सबकुछ लुट गया उसे आपकी हुकूमत वापस भेज देना चाहती है।'

साथ ही हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने एक जनसभा में गुरुवार को कहा कि जब सरकार तिब्बत के बौद्ध शरणार्थी को जगह दे सकती है तो 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम को मोदी सरकार वापस भेजने पर क्यों तुली है।

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बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में रोहिंग्या मुस्लिमों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है और कहा है कि देश के व्यापक हित में उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।

ओवैसी ने पीएम मोदी से पूछा, 'कौन से कानून के तहत आप रोहिंग्या को वापस भेजना चाहते हैं। मिस्टर मोदी आप यूएन की सुरक्षा परिषद में हिंदुस्तान की स्थायी सदस्यता चाहते हैं, तो क्या एक सुपर पावर का ये मिजाज होगा?'

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ओवैसी के मुताबिक, 'जब तिब्बत, तमिल शरणार्थी भारत में रह सकते हैं तो रोहिंग्या क्यों नहीं।'

ओवैसी ने बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखे जाने पर भी बीजेपी और पीएम मोदी पर तंज कसा और कहा कि गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चे मर गए। इसके लिए पैसे नहीं हैं लेकिन पीएम मोदी बुलेट ट्रेन लॉन्च कर रहे हैं।

साथ ही ओवैसी ने बेंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का जिक्र करते हुए आशंका जताई कि उन पर भी दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग हमला कर सकते हैं।

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