रोहिंग्या मामले पर प्रशांत भूषण की याचिका के खिलाफ इंडिक कलेक्टिव के बाद पूर्व बीजेपी नेता गोविंदाचार्य भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं। गोविंदाचार्य पहले से लंबित मामले में खुद को भी पक्ष बनाए जाने की मांग की। गोविंदाचार्य ने रोहिंग्या लोगों को भारत में रहने देने की मांग का विरोध किया।
याचिका में क्या कहा गया है?
- भारत में पहले ही आबादी बहुत ज़्यादा, हाल ही में लोग कूड़े के ढेर में दब कर मर गए और ज़्यादा लोगों को यहाँ बसाना गलत होगा।
- इस तरह की इंटेलिजेंस रिपोर्ट है कि अल कायदा रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
- प्रधानमंत्री खुद म्यांमार गए और वहां रोहिंग्या लोगों पर भी बात की। इस मसले को सरकार को देखने दिया जाए, इसमें कोर्ट का दखल गैरज़रूरी है।
- फॉरनर्स एक्ट 1946 के तहत भारत सरकार को अवैध तरीके से रह रहे विदेशियों को निकालने का अधिकार।
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- खुद सुप्रीम कोर्ट कई फैसलों में राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अहम करार दे चुका है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, आईबी और अर्धसैनिक बलों से सलाह के बाद ही भारत सरकार ने रोहिंग्या लोगों को वापस भेजने का फैसला किया है।
- रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगती सीमा के पास बस गए हैं। ये बहुत खतरनाक है। एक तरफ तो अनुच्छेद 370 का हवाला देकर भारत के लोगों की जम्मू-कश्मीर में बसने नहीं दिया जा सकता। दूसरी तरफ संदिग्ध विदेशियों को वहां रहने दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या लोगों को भारत में रहने देने की मांग की है जिसका गोविंदाचार्य और इंडिक कलेक्टिव ने विरोध किया है।
इस बारे में पहले से दायर प्रशांत भूषण की याचिका पर केंद्र को सोमवार को जवाब देना है। उम्मीद है उसी दिन गोविंदाचार्य और 'इंडिक कलेक्टिव' द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी।
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Source : News Nation Bureau