अमेरिका से लौटने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा आज मनी लांड्रिंग के एक केस में प्रवर्तन निदेशालय ने अपने दफ्तर में 5 घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक इस लंबी पूछताछ में वाड्रा से करीब 36 सवाल पूछे गए जिसका जांच एजेंसी को संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिला. दिन के करीब साढ़े तीन बजे ईडी मुख्यालय पहुंचे वाड्रा से रात के लगभग साढ़ें आठ बजे तक ईडी के 7 वरिष्ठ अफसरों ने एजेंसी के डिप्टी डायरेक्टर राजेश शर्मा के नेतृत्व में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की. इस लंबे पूछताछ में उनसे लंदन में संपत्ति होने के साथ ही संजय भंडारी और सुमित चड्डा से संबंधों को लेकर भी सवाल पूछे. ईडी के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन में संपत्ति होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया और संजय भंडारी और सुमित चड्डा से भी कोई रिश्ता होने से इनकार कर दिया. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को एक बार फिर ईडी वाड्रा से पूछताछ कर सकती है.
हालांकि ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत का सूबत देकर वाड्रा से सवाल पूछे तो उन्होंने हर आरोप को नकार दिया. सूत्रों के मुताबिक ईडी उन्हें अभी ही अगली पूछताछ के लिए समन दे सकती है. खासबात यह है कि तमाम आरोपों के बाद यह पहला मौका था जब रॉबर्ट वाड्रा पहली बार किसी सरकारी जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे.
ईडी ने भगोड़े हथियार सौदागर संजय भंडारी के खिलाफ काले धन से संबंधित नए कानून और कर कानून के तहत आयकर विभाग द्वारा एक अन्य मामले की जांच के दौरान वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा का नाम सामने आने के बाद अरोड़ा के खिलाफ भी धनशोधन मामला दर्ज किया था. लंदन की संपत्ति कथित रूप से भंडारी द्वारा खरीदी गई और इसकी मरम्मत पर अतिरिक्त खर्च के बावजूद इसे खरीदी गई कीमत पर 2010 में बेच दिया गया.
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ईडी ने मामले की जांच के तहत सात दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर व बेंगलुरू के कई परिसरों की तलाशी ली थी. ईडी के वकील ने इससे पहले अदालत को बताया कि लंदन की संपत्ति एक पेट्रोलियम सौदे से प्राप्त अवैध भुगतान का हिस्सा है. यह पैसा सेंटेक इंटरनेशनल, एफजेडसी, यूएई (भंडारी द्वारा नियंत्रित कंपनी) द्वारा स्थानांतरित किया गया था.
वकील ने कहा कि कुछ और संपत्तियों की भी जांच की जानी चाहिए. इस सुनवाई के दौरान वाड्रा अदालत में मौजूद नहीं थे. वाड्रा के वकील ने अदालत को बताया था कि वह अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए लंदन में हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को धनशोधन के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने उन्हें छह फरवरी को ईडी की जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.
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क्या है पूरा मामला
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहा केस लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के आरोपों से जुड़ा है. यह प्रॉपर्टी 19 लाख पाउंड में खरीदी गई थी और इसका मालिकाना रॉबर्ट वाड्रा के पास है. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जांच कर रहा है. इसी दौरान मनोज अरोड़ा की भूमिका सामने आई, जिसके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया.
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आरोप ये है कि लंदन स्थित इस संपत्ति को 19 लाख पाउंड में संजय भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेचा गया, जबकि उसकी मरम्मत, साज-सज्जा पर करीब 65,900 पाउंड खर्च किया गया था, बावजूद इसके खरीद दाम में ही प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा को बेची गई.
Source : News Nation Bureau