जानें क्या है बीकानेर जमीन घोटाला, जिसमें राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से हो रही है पूछताछ

मई 2016 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीकानेर में एक साथ 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी की ये कार्रवाई तत्कालीन पटवारी, गिरदावर और जमीन से जुड़े बिजनेसमैन के खिलाफ की गई थी.

author-image
Sunil Chaurasia
एडिट
New Update
जानें क्या है बीकानेर जमीन घोटाला, जिसमें राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से हो रही है पूछताछ

मई 2016 में प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर में एक साथ 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी.

प्रर्वतन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिग रेंज में नियम के खिलाफ आवंटित 275 बीघा जमीन वाड्रा की कंपनी स्काईलाट हॉस्पिटलिटी ने खरीदी थी. जमीन महाजन फील्ड़ फायरिग रेंज के विस्थापितों के नाम से फर्जी आवंटन से जुड़ी है. यहां जिन लोगों के नाम पर जमीनों का आवंटन हुआ था, वे असल में थे ही नहीं. कुछ लोगों ने क्षेत्र के तत्कालीन तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों से मिलकर जमीन को 2006-07 में अपने नाम कराकर बेचना शुरू किया.

Advertisment

इसी दौरान वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने पहले 150 बीघा और फिर 125 बीघा जमीन खरीदी. मामले का खुलासा 2010 में हुआ लेकिन मामला वाड्रा से जुड़ा होने के कारण तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. 2014 में इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया. इनमें चार केस वाड्रा की कंपनी से जुड़े हुए हैं. फर्जी आवंटन से जुड़े 16 केस गजनेर और दो केस कोलायत पुलिस थाने में वर्ष 2014 में दर्ज हुए थे. ईडी को मिली जानकारी में सामने आया कि स्काइलाईट हॉस्पिटैलिटी ने 69.55 हेक्टेयर की जमीन को 72 लाख रुपये में खरीदा और फिर तीन साल बाद उसे 5.15 करोड़ रुपये में बेच दिया. इस तरह से कंपनी को 4.43 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा हुआ.

ये भी पढ़ें- LIVE: बीकानेर जमीन घोटाला: जयपुर में ED ने शुरू की रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ

मई 2016 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीकानेर में एक साथ 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी की ये कार्रवाई तत्कालीन पटवारी, गिरदावर और जमीन से जुड़े बिजनेसमैन के खिलाफ की गई थी. ईडी ने इन सभी लोगों की पेशी के लिए कई बार नोटिस भेजा, लेकिन नामजदों में से कोई भी ईडी के सामने पेश नहीं हुआ. जिसके बाद जांच की सूई जहां के तहां अटक गई. काफी समय के बाद अप्रैल 2017 में जांच एजेंसी ने 4 अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क की थी. जांच की सिलसिला आगे बढ़ा और करीब 8 महीने बाद दिसंबर 2017 में जयप्रकाश बंगरवा और अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था. बताते चलें कि अशोक कुमार, रॉबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले महेश नागर के यहां ड्राइवर का काम करता है.

ये भी पढ़ें- Video: पेड़ के नीचे बाल कटवाकर इतना ख़ुश हुआ विदेशी कि नाई की हो गई बल्ले-बल्ले

जमीन विवाद में अशोक कुमार के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए जमीन खरीदी गई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो अब ईडी के पास महेश नागर के खिलाफ भी पुख्ता सबूत इकट्ठा हो गए हैं. इसके अलावा महेश नागर का Skylights Hospitality के साथ पहले ही संबंध साबित हो चुके हैं. नागर ने कंपनी को बीकानेर में खरीदी गई 4 जमीनों में रिप्रेजेंट किया था. महेश नागर के फरीदाबाद स्थित दफ्तर पर पिछले साल फरवरी में रेड पड़ी थी.

Source : News Nation Bureau

Land Scam Robert Vadra Bikaner Land Scam rahul gandhi ed priyanka-gandhi Enforcement Directorate congress scam
      
Advertisment