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जम्मू-कश्मीरः नोटबंदी के बाद घाटी में बढ़ी आतंकियों की संख्या और बैंक लूट की घटना

बताया जा रहा है कि इन आतंकियों के पास फंड की कमी पड़ रही है यही कारण है कि लूट की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है।

Updated on: 09 May 2017, 12:55 PM

highlights

  • घाटी में नोटबंदी के बाद बैंक लूट की घटनाएं बढ़ी
  • 13 बार लूटे गए बैंक, 9 बार हुआ असफल प्रयास

नई दिल्ली:

हाल के दिनों में कश्मीर घाटी में बैंक लूट की की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के लिए घाटी में आतंकियों की बढ़ती संख्या को जिम्मेदार बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन आतंकियों के पास फंड की कमी पड़ रही है यही कारण है कि लूट की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है।

नोटबंदी के बाद कश्मीर में 13 बड़ी बैंक डैकेतियां हुई हैं और 9 बार लूट के असफल प्रयास किये गए हैं। अधिकतर मामलों में जम्मू कश्मीर बैंक को निशाना बनाया गया, जिसकी घाटी में सबसे ज्यादा शाखाएं हैं।

इसके अलावा ऐक्सिस बैंक, एसबीआई और इलाकाई देहात बैंक से नवंबर 2016 से मई 2017 के बीच लगभग 90 लाख रुपये की लूटा जा चुका है। बिफल प्रयास में बडगाम, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा की बैंक शाखाएं शामिल हैं।

खूफिया सूत्रों की मानें तो घाटी में स्थानीय लोगों के आतंकवादी गुटों में शामिल होने के बाद नकदी और हथियार स्नैचिंग के मामले भी बढ़े हैं।

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एक अधिकारी ने बताया, '8 नवंबर से पहले कई तरीके से आतंकियों को नकदी मिल जाती थी और इनकी संख्या भी कम थी। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बैंकों की लूट को बढ़ावा देता है।'

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राज्य पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि पाकिस्तान से होने वाली हथियारों और कैश की सप्लाइ पर कड़ाई से रोक लगाने के बाद आतंकियों के पास नकदी और हथियारों की कमी हो गई है।

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