केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए जारी किया नया दिशा निर्देश

बढ़ते कोरोना के कहर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के यानी माइल्ड और एसिम्टोमेटिक मामलों को लेकर होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं.

बढ़ते कोरोना के कहर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के यानी माइल्ड और एसिम्टोमेटिक मामलों को लेकर होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं.

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Avinash Prabhakar
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प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit : File)

बढ़ते कोरोना के कहर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के यानी माइल्ड और एसिम्टोमेटिक मामलों को लेकर होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें मंत्रालय ने कहा है कि उन्हीं मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा जिन्हें डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती नहीं होने की जरूरत बताई होगी. नए दिशानिर्देशों  के मुताबिक, हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो घर पर होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे लेकिन इसके लिए डॉक्टर की अनुमति लेनी जरूरी होगी.

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नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति में किसी और बीमारी के लक्षण नहीं होने एवं ऑक्सीजन लेवल कमरे की हवा में 94 से अधिक होने पर एसिम्टोमेटिक केस माना जायेगा। वहीं चिकित्सकीय रूप से बताये गए ऊपरी श्वसन पथ के लक्षणों या बुखार के बिना सांस की तकलीफ और 94% से अधिक कमरे की हवा में ऑक्सीजन होने पर हल्के लक्षण वाला रोगी माना जायेगा। ऐसे रोगी किसी देखभाल करने वाले की निगरानी में रहेगा।

होम आइसोलेशन के लिए दिशा निर्देश
डॉक्टर के द्वारा रोगी को माइल्ड और एसिम्टोमेटिक केटेगरी में रखा गया हो 
ऐसे मामलों में रोगी के लिए उनके निवास पर होम आइसोलेशन एवं क्वारंटाइन की सुविधा होनी चाहिए
रोगी की देखभाल के लिए 24 x7 आधार पर व्यक्ति उपलब्ध होनी चाहिए एवं रोगी जब तक होम आइसोलेशन में है तब तक देखभाल करने वाला और  अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेगुलर कम्युनिकेशन हो. 
60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगी और सह-रुग्ण स्थिति जैसे कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक फेफड़े / यकृत / गुर्दे की बीमारी, सेरेब्रो-संवहनी आदि बीमारी से ग्रसित रोगी को डॉक्टर के द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन में जा सकेंगे।
ऐसे मामलों में देख-भाल करने वाला एवं परिवार के करीबी लोग प्रोटोकॉल एवं चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस लें. 

कोरोना गंभीर होने के लक्षण 
 सांस लेने में दिक्कत,
 कमरे में ऑक्सीजन लेवल 94 से कम 
सीने में लगातार दर्द / दबाव,
मानसिक भ्रम या अक्षमता

बता दें की नए दिशा निर्देशों के मुताबिक लक्षण के शुरुआत के कम से कम 10 दिन बीतने के बाद एवं  3 दिनों तक बुखार नहीं होने पर होम आइसोलेशन से बहार आ सकते हैं. इसके मुताबिक  होम आइसोलेशन के बाद दुबारा से टेस्ट करवाने की कोई आवयश्कता नहीं है.

Source : News Nation Bureau

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