जीएसटी संग्रह जनवरी में एक लाख करोड़ रुपये के पार

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह में दो महीने कमी आने के बाद जनवरी में फिर वृद्धि दर्ज की गई है.

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह में दो महीने कमी आने के बाद जनवरी में फिर वृद्धि दर्ज की गई है.

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Vineeta Mandal
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जीएसटी संग्रह जनवरी में एक लाख करोड़ रुपये के पार

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह में दो महीने कमी आने के बाद जनवरी में फिर वृद्धि दर्ज की गई है. जनवरी में जीएसटी राजस्व संग्रह 1,02,503 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. इस प्रकार चालू वित्त वर्ष में तीसरी बार जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि पिछले साल के जनवरी के मुकाबले इस साल जनवरी में जीसएसटी राजस्व संग्रह में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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जनवरी में जीसएसटी राजस्व संग्रह का संबंध दिसंबर 2018 में हुए लेन-देन है. दिसंबर 2018 में जीसएसटी राजस्व संग्रह (नवंबर 2018 के लेन-देन के लिए) 94,726 करोड़ रुपये हुआ था, जोकि नवंबर के 97,637 करोड़ रुपये से कम था. पिछली बार अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ के स्तर से ऊपर 1,00,710 करोड़ रुपये हुआ था.

जनवरी में कुल जीसएसटी राजस्व संग्रह 1,02,503 करोड़ रुपये में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) संग्रह 17,763 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 24,826 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 51,225 करोड़ रुपये और उपकर 8,690 करोड़ रुपये शामिल हैं.

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वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 में तीसरी बार जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. मंत्रालय ने कहा कि 31 जनवरी तक कुल 73.3 लाख जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि पिछले महीने 72.44 लाख रिटर्न दाखिल किए गए थे.

मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2018 में जीसएसटी राजस्व संग्रह 89,825 करोड़ रुपये था, जिसके मुकाबले इस साल जनवरी में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है. इस साल औसत मासिक जीसएसटी राजस्व संग्रह 97,100 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह औसत 89,700 करोड़ रुपये था.

Source : IANS

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