सरकारी कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खबर, नहीं घटेगी रिटायरमेंट उम्र, पढ़ें पूरी खबर

कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 50 वर्ष करने के लिए सरकार द्वारा प्रस्ताव रखे जाने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि ना तो सेवानिवृत्ति की आयु घटाने का कोई प्रस्ताव है और ना हीं सरकार मे किसी भी स्तर पर ऐसा कोई विचार हुआ है.

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Dhirendra Kumar
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Jitendra Singh

जितेन्द्र सिंह (Jitendra Singh)( Photo Credit : फाइल फोटो)

केंद्रीय कार्मिक (Ministry of Personnel) राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु कम करने पर कोई विचार नहीं हो रहा है. साथ ही उन्होंने इस संबंध में मीडिया में आयी कुछ खबरों को भी खारिज किया. केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है. सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 50 वर्ष करने के लिए सरकार द्वारा प्रस्ताव रखे जाने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि ना तो सेवानिवृत्ति की आयु घटाने का कोई प्रस्ताव रखा गया है और ना हीं सरकार मे किसी भी स्तर पर ऐसा कोई विचार हुआ है.

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सरकार ने कर्मचारियो के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो वक्त बे वक्त ऐसी गलत सूचनाएं मीडिया में देते रहते हैं और मीडिया में इन खबरों को सरकारी सूत्रों या कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के हवाले से चलाया जाता है. उन्होंने कहा कि हर बार ऐसी खबरों का सिरे से खंडन करना पड़ता है ताकि इससे प्रभावित लोगों का भ्रम दूर हो सके. एक बयान के अनुसार, सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यूपर्ण है कि ऐसे वक्त में जब देश कोरोना वायरस संकट से निपट रहा है, कुछ ऐसे तत्व हैं जो निजी हितों के लिए सरकार के सभी अच्छे कार्यों पर पानी फेरना चाहते हैं ओर इसलिए मीडिया में ऐसी खबरें उछाल रहे हैं. मंत्री ने कहा कि इससे उलट सरकार और डीओपीटी ने शुरुआत से ही कर्मचारियो के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए हैं.

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उदाहरण के लिए लॉकडाउन की घोषणा होने से पहले ही डीओपीटी ने कार्यालयों को परामर्श जारी किया था कि वे बेहद जरूरी या न्यूनतम कर्मचारियों को दफ्तर बुलाएं. बयान के अनुसार, सिंह ने कहा, वैसे तो जरुरी सेवाओं को इन दिशा-निर्देशों से बाहर रखा गया था, लेकिन डीओपीटी ने दिव्यांग कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं से भी छूट देने का निर्देश दिया था। यहां तक कि डीओपीटी ने वार्षिक मूल्यांकन स्थगित कर दिया. यूपीएससी की परीक्षाएं स्थगित कर दीं. एसएससी ने भी परीक्षा स्थगित की. सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह एक फर्जी खबर थी कि सरकार ने पेंशन में 30 प्रतिशत की कटौती करने और 80 साल से ज्यादा आयु वाले पूर्व कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का फैसला लिया है. बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि लेकिन 31 मार्च को ऐसा कोई पेंशन भोगी नहीं था, जिसके खाते में पेंशन की पूरी राशि नहीं गई. सिर्फ इतना ही नहीं जहां जरुरत पड़ी वहां डाक विभाग की मदद से पेंशन भोगियों के घर तक तय राशि पहुंचायी गयी है.

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