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सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पीसी घोष होंगे भारत के पहले लोकपाल

गौरतलब है कि लोकपाल की नियुक्ति लोकपाल अधिनियम 2013 के पारित होने के बाद 5 साल बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया जा रहा है.

Updated on: 18 Mar 2019, 12:13 AM

नई दिल्ली:

देश की पहली भ्रष्टाचार रोधी संस्था 'लोकपाल' के पहले अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति ने जस्टिस घोष के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है और इसकी आधिकारिक घोषणा सोमवार को हो सकती है. इसके अलावा लोकपाल के 8 अन्य सदस्यों की घोषणा की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस घोष का नाम लोकपाल खोज समिति के द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में सबसे आगे था. गौरतलब है कि लोकपाल की नियुक्ति लोकपाल अधिनियम 2013 के पारित होने के बाद 5 साल बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया जा रहा है.

जस्टिस पीसी घोष सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके थे. 2013 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने के 4 सालों बाद मई 2017 में वे सेवानिवृत्त हुए थे. वे अभी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य भी हैं.

बीते शुक्रवार को लोकपाल चयन समिति की बैठक में जस्टिस घोष के नाम पर मुहर लगी थी. लोकपाल खोज समिति ने चयन समिति के सामने अध्यक्ष पद के लिए 5 नाम और 8 सदस्यों में प्रत्येक के लिए तीन-तीन नाम सुझाए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम तय किया और उसकी सिफारिश की. लोकसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बैठक में भाग नहीं लिया. वह भी समिति के सदस्य हैं.

सुप्रीम कोर्ट के लगातार दबाव के बाद केंद्र सरकार लोकपाल की नियुक्ति को अंतिम रूप दे रही है. 7 मार्च को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मोदी सरकार को कहा था कि वह कोर्ट को 10 दिनों के भीतर बताए कि वह कब अंतिम नामों को तय करेगा.

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सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद पिछले साल 27 सितंबर को सरकार ने लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों के नामों की सिफारिश करने के लिए 8 सदस्यीय सर्च कमेटी का गठन किया था. इस समिति में अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई के अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख एएस किरन कुमार भी थे.

इनके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सखा राम सिंह यादव, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख शब्बीर हुसैन एस खंडवावाला, राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित के पवार और पूर्व सॉलीसीटर जनरल रंजीत कुमार खोज समिति के अन्य सदस्यों में शामिल थे.