पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बैन करने के फैसले को लेकर कारण बताने से भारतीय रिजर्व बैंक ने इनकार कर दिया है। आरबीआई का मानना है कि इस बारे में जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
साथ ही आरबीआई ने इस बारे में भी किसी भी तरह की कोई जानकारी सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है कि जितने वैल्यू की करंसी बैन की जा चुकी है, नई करंसी के जरिए इस गैप को भरने में कितना समय लगेगा।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आरबीआई से नोटबंदी को लेकर सवााल पूछा गया था। इसके जवाब में आरबीआई ने कहा, 'जो जानकारी मांगी गई है उसका प्रकृति किसी घटना की भविष्य की तारीख के बारे में जानना है और यह आरटीआई ऐक्ट की धारा 2(f) के तहत सूचना की श्रेणी में नहीं आती।'
आरबीआई ने नोटबंदी के पीछे की वजह बताने से भी इनकार कर दिया। इसके पीछे उसने सूचना के अधिकार कानून की धारा 8(1)(a) का हवाला दिया है।
इस धारा के अनुसार, 'वैसी जानकारी जिसे सार्वजनिक किए जाने से भारत की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेशी राज्य के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाता है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।'
Source : News Nation Bureau