आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं, NEET रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

आरक्षण (Reservation) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण हमारा मौलिक अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी नीट (NEET) में आरक्षण को लेकर की है.

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Kuldeep Singh
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आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं, सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी( Photo Credit : फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. तमिलनाडु में NEET पोस्ट ग्रेजुएशन रिजर्वेशन को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसका मौलिक अधिकार छीना गया है? आपकी दलीलों से लगता है कि आप सिर्फ तमिलनाडु के कुछ लोगों की भलाई बात कर रहे हैं.  

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गौरतलब है कि DMK-CPI-AIADMK समेत तमिलनाडु की कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में NEET के तहत मेडिकल कॉलेज में सीटों को लेकर तमिलनाडु में 50 फीसदी OBC आरक्षण के मामले पर याचिका दायर की थी. इस मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई थी. DMK की ओर से अदालत में कहा गया कि हम अदालत से ज्यादा आरक्षण जोड़ने को नहीं कह रहे हैं, बल्कि जो है उसे लागू करवाने को कह रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी दलील
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने कई दलीलें रखी गई लेकिन कोर्स ने उन्हें नहीं माना. जस्टिस राव ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है, आप सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लें और हाईकोर्ट में दाखिल करें. इससे पहले भी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऐसी टिप्पणी की गई हैं कि ये किसी तरह का मौलिक अधिकार नहीं है.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court NEET reservation
      
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