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Russia-Ukraine War के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अहम बयान, कही ये बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत का प्राइवेट सेक्टर तेजी से भारतीय रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इस बात का भरोसा जताया कि..

Updated on: 25 Feb 2022, 03:55 PM

highlights

  • रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भारत का लक्ष्य
  • भारत सरकार आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ा रही कदम
  • विदेशों से आने वाले 100 से ज्यादा सामानों के आयात पर प्रतिबंध

नई दिल्ली:

यूक्रेन-रूस की जंग के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Self-reliance in Sefence Sector) किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि आप किसी भी दूसरे देश के भरोसे कोई भी जंग नहीं जीत सकते. इसके लिए जरूरी है कि वो देश किसी अन्य देश पर निर्भर न रहे और अपनी जरूरत का हर साजो-सामान खुद तैयार करे. भारत इसी दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. रक्षा मंत्री एक वेबिनार में हिस्सा ले रहे थे, जिसमें 'रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता' एक अहम विषय था. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि किसी भी देश को अगर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना है, तो सबसे जरूरी बात है तकनीकी की खोज और उसका विकास. इसके बाद टेस्टिंग और फिर उत्पाद का बड़े पैमाने पर उत्पादन (Research & Development in Technology). उन्होंने कहा कि भारत में सैन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय कंपनियां रिसर्च में लगी हुई हैं और वो तेजी से खास सैन्य वाहनों (Special Purpose Army Vehicle) के विकास की ओर बढ़ रही हैं. भारत सरकार इसमें उनकी पूरी मदद कर रही है. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत का प्राइवेट सेक्टर तेजी से भारतीय रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इस बात का भरोसा जताया कि ये प्राइवेट इंडस्ट्रीज भारतीय सेना के लिए रक्षा साजो-सामान जल्द ही उपलब्ध कराने में सभम हो जाएंगी. इसमें सरकार से जिस भी मदद की जरूरत होगी, सरकार वो मदद पहुंचाएगी. 

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सरकार ने फैसला लिया है कि रक्षा क्षेत्र से जुड़ी 100 से अधिक हथियारों, तकनीकी, इंजन्स या ऐसे ही साजो-सामान अब देश में ही बनाए जाएंगे और उनका विदेशों से आयात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालिया कुछ समय में सेनाएं स्थानीय स्तर पर विकसित हथियारों को बढ़ावा दे रही हैं, इसके लिए जरूरत पड़ने पर मेक इन इंडिया के तहत विदेशी तकनीकी आधारित हथियारों का भी उत्पादन देश में ही हो रहा है. इसी कड़ी में अमेठी में अत्याधुनिक एके राइफल्स का निर्माम भी शामिल है, जो लाइसेंस के तहत भारत में ही बनाया जा रहा है और इसकी सीधी आपूर्ति सेना को की जाएगी.