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मप्र में भाजपा का 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने का संकल्प

मप्र में भाजपा का 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने का संकल्प

Updated on: 26 Nov 2021, 09:05 PM

भोपाल:

भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई की प्रदेश कार्यसमिति की शुक्रवार को हुई बैठक में पार्टी ने अपना वोट शेयर 10 प्रतिशत बढ़ाने का संकल्प लिया है। पिछले चुनाव में भाजपा केा 41 प्रतिशत वोट मिले थे, अब उसने लक्ष्य 51 प्रतिशत तय किया है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कार्यसमिति में मौजूद पदाधिकारियों और कार्यसमिति सदस्यों का आहवान करते हुए कहा, हमारे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि चुनाव तो हम जीतते ही हैं, लेकिन हमें अपना वोट शेयर बढ़ाना है। इसलिए हमें अपना वोट शेयर 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाकर 51 फीसदी से ऊपर ले जाना है और यही संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। इसके लिए हमें लोगों के मन को जीतना होगा, केंद्र और राज्य सरकारों ने गरीब कल्याण की जो योजनाएं शुरू की हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। छल-कपट की राजनीति करने वालों को जवाब देना है और 2023 में जीत का इतिहास बनाना है।

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक शुक्रवार को पुराने विधानसभा भवन में हुई। बैठक का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों के स्वागत के उपरांत प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने गत वर्श आयोजित बैठक में स्वीकृत प्रस्तावों के लिए अनुमोदन प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश सह प्रभारी पंकजा मुंडे, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे, राष्ट्रीय सह कोशाध्यक्ष सुधीर गुप्ता, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया मौजूद रहे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना जैसे संकट का सफलतापूर्वक सामना किया। प्रधानमंत्री ने इस संकट के दौरान सारी दुनिया का ध्यान रखते हुए वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से काम किया। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने जब कार्यकर्ताओं से सामाजिक भूमिका निभाने का आह्वान किया, तो लोगों की सेवा के लिए कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पीड़ितों की सेवा में रात-दिन एक कर दिये। भोजन और दवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों को जूते तक पहनाए।

शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 15 महीने तक चली कांग्रेस की सरकार प्रदेश को गर्त में ले जा रही थी। मुख्यमंत्री कोई और था और सरकार को चला कोई और रहा था। कांग्रेस के ही लोग अपनी सरकार पर आरोप लगाने लगे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथियों के सहयोग से प्रदेश को बचाने के लिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी। प्रदेश में 28 विधानसभाओं के उपचुनाव हुए और ये उपचुनाव प्रदेश को बचाने वाली सरकार को मजबूती देने वाले उपचुनाव थे।

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