भारत में धार्मिक असहिष्णुता सिर्फ टीवी पर है. असली जिंदगी इससे अछूती है. पिछले 10 सालों में भारत में एक भी बड़ा धार्मिक दंगा हुआ हो, ऐसा कोई बता सकता है क्या? ये बातें कहीं ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने. समाचार एजेंसी एएनआई से विस्तृत बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक असहिष्णुता सिर्फ टीवी में बढ़ी है. बीते 10 सालों में देश में कहीं भी कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है. इस दौरान उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर भी अपनी राय रखी, तो अमेरिका के गन कल्चर पर भी खुलकर बात की.
आध्यात्मिक गुरु जग्गी ने कहा कि टेलीविजन स्टुडियो में होने वाली बहस में बहुत गर्मी नजर आती है. यह बढ़-चढ़कर प्रचारित होती है, इसके कारण ऐसा लगता है कि देश में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है. हकीकत यह है कि देश में पिछले 10 सालों में कोई बड़ी सांप्रदायिक हिंसा की घटना नहीं हुई. आध्यात्मिक नेता ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि देश में कई बड़े दंगे हुए हैं, इसके विपरीत पिछले 10 वर्षों में देश में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ.
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि हमारी सभ्यता में है कि अगर दो लोगों की विचारधारा अलग है तो चर्चा करनी चाहिए, बात करनी चाहिए, आपस में दूरी बना सकते हैं। क्या हम सभ्यता की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत नहीं जा रहे. उन्होंने कहा कि चीजों को बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. कुछ मुद्दे हैं जिन पर टीवी पर बहुत बहस होती रहती है, आपको ये गलियों में नहीं दिखेगी. कुछ मुद्दों पर विवाद है जो कोर्ट में चल रहे हैं, कोर्ट को अपना काम करने देना चाहिए. कभी-कभी क्षेत्र में चुनाव के समय कुछ लोग ऐसे मुद्दों को हवा देते हैं परन्तु मुझे लगता है कि पिछले 25 साल में ये चीजें काफी कम हुई हैं.
शिक्षा प्रणाली पर भी जग्गी वासुदेव ने रखी अपनी राय
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली सभी चीजों का मिश्रण है,जब मैं स्कूल जाया करता था तब कोई आकर भौतिकी के बारे में बात करता था तब मैं जब उसे समझने कोशिश करता तब कोई और आकर साहित्य की बात कर जाता..फिर बायोलॉजी वाला आता. उन्होंने सवालिया लहज़े में कहा कि हर 45 मिनट में आप क्या कर रहें..क्या ये सर्कस है..ये सर्कस है क्योंकि ये शिक्षा नहीं है.
HIGHLIGHTS
- जग्गी वासुदेव ने कहा-भारत में धार्मिक असहिष्णुता नहीं
- सिर्फ टीवी चैनलों पर दिखती है असहिष्णुता
- शिक्षा व्यवस्था पर किया तीखा कटाक्ष