बीती एक सदी में सर्वाधिक भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल में लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से यहां के बंदरगाह पर राहत सामग्री पहुंच रही है। अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना का जहाज आईएनएस दीपक मुंबई से राहत सामग्री लेकर यहां पहुंचा। पोत में लगभग 800 टन शुद्ध पानी और करीब 18 टन खाद्य सामग्री लदी हुई थी।
उन्होंने बताया कि शुद्ध पानी को दो नौकाओं के जरिये प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है। ट्रकों से खाद्य एवं अन्य सामग्री वितरित की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय की पहल के अंतर्गत, जहाजरानी समुदाय की ओर से राहत सामग्री भेजी गई जिसे ले कर एक पोत वल्लारपदम पहुंचा।
मुंबई से बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा भेजे गये 50000 एमटी तेल को लेकर एक जहाज कोचीन बंदरगाह पर पहुंचा।
पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश ने पूरे केरल को तहस-नहस करके रख दिया है, जिसके कारण वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। समूचे क्षेत्र के जलमग्न हो जाने के कारण सड़कों का पता ही नहीं चल पा रहा है। खाने-पीने की चीजें समेत पीने योग्य पानी की कमी से समस्या काफी विकराल हो गई है। कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म होने की सूचना मिली है।
कोच्चि पोर्ट ट्रस्ट ने कुनामावू और वाइपीन के लोगों के लिए विलिंगडन द्वीप पर स्थित सर रॉबर्ट ब्रिस्टो मेमोरियल स्कूल में एक राहत शिविर स्थापित किया है। पोर्ट ट्रस्ट अस्पताल के डॉक्टर वहां के लोगों की जांच कर उन्हें दवाइयां दे रहे हैं।
राहत शिविर में बंदरगाह के कर्मचारी और उनके परिजन, सीमा-शुल्क अधिकारी और सीआईएसएफ के जवान लोगों की मदद कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय के अंतर्गत सभी प्रमुख बंदरगाहों से लायी गई राहत सामग्री को तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर संग्रहित किया जा रहा है। इसे बाद में कोचीन बंदरगाह ले जाये जाने की संभावना है।
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कोचीन पोर्ट ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 62 लाख रुपये देने का फैसला किया है।
Source : News Nation Bureau