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रिलायंस मिशन ऑक्सीजन: 1,000 MT ऑक्सीजन मरीजों तक पहुंचाने के लिए 24 टैंकर्स किए एयरलिफ्ट

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) आज भारत की करीब 11 फीसदी मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन अकेले कर रहा है और हर दस में से 1 रोगी को ऑक्सीजन दी जा रही है.

Updated on: 01 May 2021, 02:21 PM

highlights

  • रिलायंस ने अपने प्रोसेस में बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया
  • जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, सऊदी अरब और थाईलैंड से एयरलिफ्ट किए गए ऑक्सीजन टैंकर

नई दिल्ली :

मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) अपनी जामनगर तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 1000 MT से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन (Oxygen) का उत्पादन कर रहा है. यह ऑक्सीजन कोविड-19 (Covid-19) से प्रभावित राज्यों को मुफ्त में दी जा रही है. रिलायंस आज भारत की करीब 11 फीसदी मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन अकेले कर रहा है और हर दस में से 1 रोगी को ऑक्सीजन दी जा रही है. मुकेश अंबानी, रिलायंस के मिशन ऑक्सीजन की निगरानी खुद कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में रिलायंस दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है. पहला रिलायंस की जामनगर स्थित रिफाइनरी के बहुत से प्रोसेस में बदलाव कर ज्यादा से ज्यादा जीवनदायी ऑक्सीजन का निर्माण करना और दूसरा लोडिंग और परिवहन क्षमताओं को बढ़ाना ताकि इसे जरूरतमंद राज्यों तक ऑक्सीजन को सुरक्षित पहुंचाया जा सके.

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जामनगर रिफाइनरी में बनाए जाते हैं कच्चे तेल से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद 
रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में कच्चे तेल से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं, यहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पाद नहीं किया जाता था, लेकिन कोरोनोवायरस के मामलों में जिस तेजी से वृद्धि हुई है और ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है, उसको देखते हुए रिलायंस ने अपने प्रोसेस में बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया. बहुत ही कम वक्त में रिलायंस ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शून्य से 1000 MT तक बढ़ा दिया है. इतनी ऑक्सीजन से हर दिन औसतन 1 लाख रोगी सांस ले सकेंगे. अप्रैल माह में रिलायंस 15,000 MT और महामारी की शुरूआत से अब तक 55,000 MT मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की फ्री सप्लाई कर चुका है. देश में ऑक्सीजन की लोडिंग और सप्लाई एक बड़ी बाधा बनकर उभरी है. रिलायंस के इंजिनियर्स ने इसका हल नाइट्रोजन टैंकर्स को ऑक्सीजन टैंकर्स में बदल कर खोज निकाला. इसके अलावा रिलायंस ने ऑक्सीजन की सप्लाई चेन को पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और थाईलैंड से 24 ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट किए. देश में लिक्विड ऑक्सीजन की कुल परिवहन क्षमता में इससे 500 MT का इजाफा हुआ है.

टैंकर्स एयरलिफ्ट करने में भारतीय वायुसेना का मिला सहयोग
टैंकर्स एयरलिफ्ट करने में भारतीय वायुसेना का भी भरपूर सहयोग रहा. वहीं रिलायंस के पार्टनर्स सऊदी अरामको और बीपी ने ऑक्सीजन टैंकर्स की अधिग्रहण में मदद की. रिलायंस ने भारतीय वायुसेना और सहयोगी कंपनियों का आभार जताया है. रिलायंस की पहल पर संतोष व्यक्त करते हुए रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि जब भारत कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ रहा है तब मेरे लिए और रिलायंस में हम सभी के लिए, जीवन बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. भारत में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के उत्पादन और परिवहन क्षमताओं को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। मुझे जामनगर के अपने इंजीनियरों पर गर्व है जिन्होंने देशभक्ति की भावना के साथ, इस नई चुनौती को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया है. मैं वास्तव में रिलायंस परिवार के युवाओं द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्प का कायल हूं,  वे उस वक्त डट कर खड़े रहे जब भारत को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी.

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एक बयान में रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा कि हमारा देश अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। रिलायंस फाउंडेशन में हम मदद की हर संभव कोशिश करेंगे. हर जीवन अनमोल है. हमारी जामनगर रिफाइनरी और प्लांट्स को रातोंरात बदल दिया गया है ताकि भारत में मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सके. हमारी प्रार्थनाएं देशवासियों और महिलाओं के साथ हैं. साथ मिलकर, हम इन कठिन समय को पार कर लेंगे.