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MEA PC( Photo Credit : Twitter/ANI)
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में तुर्किए के राष्ट्रपति रेकेप तैय्यप एर्दोगान (Turkish President Recep Tayyip Erdogan) ने कश्मीर का मुद्दा उठाया तो भारत ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारत के विदेश मामलों के मंत्रालय (Ministry of External Affairs) इस मुद्दे पर कहा कि तुर्किए हो या कोई भी देश, कश्मीर का मुद्दा उठाने का कोई हक नहीं है, क्योंकि इस मामले में तीसरे देश के बोलने का कोई मतलब ही नहीं होता. विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कश्मीर हमारा अंदरुनी मामला है, और हम तुर्किए के राष्ट्रपति (Turkish President Recep Tayyip Erdogan) के बयान पर आधिकारिक विरोध दर्ज कराते हैं.
कश्मीर मामले पर बोलने का हक किसी को नहीं
विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर मामले पर हमारा रुख स्पष्ट है. हमारे रूख के बारे में सारी दुनिया जानती है. जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है. कश्मीर के विषय पर यूएनजीए में किसी भी देखने के बोलने का कोई औचित्य नहीं है.
It's a different issue, our position is very well known. J&K is our internal issue and we have expressed our opposition. Reference of Kashmir by other countries in UNGA doesn't matter: MEA spox on Turkish President Recep Tayyip Erdogan's remarks on Kashmir at UNGA pic.twitter.com/4NWsFAgnpj
— ANI (@ANI) September 22, 2022
कनाडा में भारतीय समुदाय को निशाना बनाए जाने के मुद्दे पर भी विदेश मंत्रालय का बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में कट्टरपंथियों ने जिन हरकतों को अंजाम दिया है, उस मुद्दे को हमने कनाडा सरकार के सामने उठाया है. ये मुद्दा गंभीर है. लेकिन राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कनाडा में खालिस्तान रेफरेंडम के मुद्दे को भी कनाडा सरकार के सामने रखा है.
HIGHLIGHTS
- तुर्किए के राष्ट्रपति के बयान पर भारत सख्त
- एमईए ने एर्दोगान के बयान पर जताया विरोध
- कनाडा सरकार के सामने उठाया गया है खालिस्तान का मुद्दा