देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामलों में शुक्रवार को 1,750 से अधिक की वृद्धि हुई जो भारत में अब तक एक दिन में सामने आए सर्वाधिक मामले हैं तथा महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों में संक्रमण के मामले ज्यादा हो गये हैं. वहीं, सरकार (Modi Government) ने कहा कि महामारी का प्रकोप नियंत्रण में है और यदि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू न किया जाता तो संक्रमण के मामलों की संख्या अब तक एक लाख तक पहुंच चुकी होती. सरकारी अधिकारियों ने महामारी के ,नियंत्रण में होने का श्रेय लॉकडाउन और मजबूत निगरानी नेटवर्क तथा विभिन्न नियंत्रण कदमों को दिया.
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मोदी ने ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन की घोषणा की थी. मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी ने देश को ‘‘आत्म-निर्भर होने और आत्म-सक्षम’’ होने तथा समाधान के लिए विदेशों की ओर न देखने का संदेश और सबक दिया है. उन्होंने भौतिक दूरी को सरल शब्दों में परिभाषित करने के ‘दो गज की दूरी’ के मंत्र की सराहना भी की. प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से कहा, आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज की दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का मंत्र. इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है.
मोदी ने कहा ‘‘अब यह देखना बहुत जरूरी हो गया है कि गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनें, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने ?’’ दूसरी ओर, कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा प्रतिबंध भारत में अमेरिका या यूरोप जैसी स्थिति को रोकने में काफी कारगर रहे हैं, लेकिन आगाह किया कि वर्तमान लॉकडाउन की तरफ धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए एक ‘‘बड़ी चुनौती’’ इंतजार कर रही है। कुछ वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि लॉकडाउन खत्म होने के कुछ सप्ताह बाद कोविड-19 मामलों की रफ्तार कम होती दिख सकती है या कुछ हफ्तों के भीतर इनमें गिरावट भी देखने को मिल सकती है लेकिन जुलाई के अंत या अगस्त में मानसून के दौरान भारत में इसका दूसरा दौर सामने आ सकता है.
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शिव नादर विश्वविद्यालय के गणित विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर समित भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, स्पष्ट तौर पर दिखता है कि नियमित नए मामलों के बढ़ने की दर स्थिर हो गई है और यह धीरे-धीरे नीचे की तरफ जाएगी, संभवत: कुछ हफ्तों या महीनों मे. भट्टाचार्य ने कहा,बावजूद इसके, हमें इसी कोरोना वायरस के नए मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है और इसे दूसरा दौर माना जाएग. बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के प्रोफेसर राजेश सुंदरेसन ने पीटीआई-भाषा से कहा “जब हम सामान्य गतिविधि के दौर में लौटेंगे, उस वक्त ऐसी आंशका रहेगी कि संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगें. चीन में यात्रा प्रतिबंध में कुछ राहत देने के बाद कुछ हद तक यह देखा भी गया ह.
विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा घोषित आंकड़ों के आधार पर पीटीआई-भाषा द्वारा रात साढ़े नौ बजे तक तैयार की गई सूची के अनुसार देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या अब 24,356 हो गई है जिनमें कम से कम 778 लोगों की मौत हुई है और 5170 रोगी ठीक होकर घर चले गए हैं. इनमें महाराष्ट्र में 6800 मामले आये हैं और 300 से अधिक रोगियों की मौत हो गयी है. गुजरात में ऐसे 2800 से अधिक मामले और दिल्ली में 2500 से अधिक मामले सामने हैं. राजस्थान भी ऐसे मामलों में 2000 का आंकड़ा पार कर गया है.
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इसके बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का नंबर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम पांच बजे के अपने अपडेट में देश में कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 23,452 और मृतकों की संख्या 723 बताई. मामलों में गुरुवार से लेकर 1,752 की वृद्धि हुई है जो एक दिन में सामने आए सर्वाधिक मामले हैं. इससे पहले 1,540 के आंकड़े के साथ 20 अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने आए थे. मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 के मामलों की संख्या वर्तमान में 17,915 है क्योंकि 4,813 लोग ठीक हो चुके हैं और एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है. संक्रमण के कुल मामलों में से 77 मामले विदेशी नागरिकों से जुड़े हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार शाम से लेकर कम से कम 37 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 14 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है. इसके बाद गुजरात में नौ, उत्तर प्रदेश में तीन, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में दो-दो लोगों तथा कर्नाटक में एक व्यक्ति की मौत हुई है.कोविड-19 से अकेले महाराष्ट्र में कम से कम 283 लोगों की मौत हुई है, जबकि गुजरात में 112, मध्य प्रदेश में 83 और दिल्ली में 50 लोगों की मौत हुई है. केरल में शुक्रवार को चार महीने की एक बच्ची कोरोना वायरस की चपेट में आने वाली सबसे कम उम्र की रोगी बन गई. उसे 21 अप्रैल को बुखार, खांसी, सांस में तकलीफ और दौरा पड़ने की शिकायत के साथ कोझिकोड स्थिति मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इससे पहले उसका इलाज दो और अस्पतालों में चला था. नए मामलों में तमिलनाडु के कोयंबटूर में चार महिलाओं सहित सात पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने के मामले भी शामिल हैं. राज्य ने शुक्रवार को घोषणा की कि चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै और कुछ अन्य स्थानों पर रविवार से पूर्ण बंद रहेगा. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई में कुछ स्थानों पर स्थिति अत्यंत गंभीर है या संबंधित क्षेत्र ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में उभर रहे हैं. इसने यह भी कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन के उल्लंघन की खबरें हैं जो जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और इसका नतीजा महामारी के प्रसार के रूप में निकल सकता है.
हॉटस्पॉट जिलों में स्थिति के आकलन के लिए 10 केंद्रीय टीमें भेजी गईं
केंद्र ने देशभर में ‘हॉटस्पॉट जिलों’ में स्थिति के आकलन के लिए 10 केंद्रीय टीम भेजी हैं जिनमें पांच नए इलाके-गुजरात के अहमदाबाद और सूरत, तेलंगाना का हैदराबाद, महाराष्ट्र का ठाणे और तमिलनाडु का चेन्नई भी शामिल है. इससे पहले महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे, मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के जयपुर भी इसी तरह की टीम भेजी गई थीं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल भी दो केंद्रीय टीम भेजी गईं. उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देश का ध्यान कोरोना वायरस महामारी से निपटने पर केंद्रित रहने के दौरान शत्रुओं को अपने नापाक इरादों पर आगे बढ़ने का कोई मौका न मिल पाए.
अधिकारियों ने बताया कि एक उच्चस्तरीय बैठक में सिंह ने सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की और सशस्त्र बलों से फिजूल खर्च से बचने तथा देश की अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर वित्तीय संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करने को कहा. कोविड-19 की स्थिति पर सरकार के नियमित संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों ने हालांकि विश्वास जताया कि घातक विषाणु के खिलाफ लड़ाई अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और मोदी द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन समय पर उठाया गया कदम था. कोविड-19 संकट से निपटने के लिए के बनाए गए अधिकारप्राप्त समूहों में से एक के अध्यक्ष एवं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि उनके आकलन के मुताबिक भारत में कोविड-19 के मामले दोगुने होने की रफ्तार को कम करने में लॉकडाउन सफल रहा है.
उन्होंने कहा, अगर हमने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया होता तो अनुमान के मुताबिक अब तक कोविड-19 के करीब एक लाख मामले होते. अब महामारी का प्रकोप नियंत्रण में है. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक एस. के. सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निगरानी अहम अस्त्र रहा है. उन्होंने कहा, हमने निगरानी व्यवस्था तब से शुरू कर दी थी जब देश में पहला मामला भी सामने नहीं आया था. इस कदम ने संक्रमण फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि इस समय करीब 9.45 लाख संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है. संक्रमण के लक्षण नजर आने पर नमूने जांच के लिए लिए भेजे जाते हैं.
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बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है: स्वास्थ्य मंत्रालय
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है जबकि 80 जिले ऐसे हैं जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है. दिल्ली में अब तक 800 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं जिनमें से कम से कम 723 गुरुवार तक पिछले छह दिन में ठीक हुए हैं. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यहां चार मरीजों पर किए गए प्लाज्मा पद्धति परीक्षण के शुरुआती परिणाम ‘‘अत्यंत उत्साहजनक’’ रहे हैं जिससे कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण दिखी है. दिल्ली में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोतवाली की अपराध शाखा में तैनात एक सहायक उपनिरीक्षक कोरोना से संक्रमित पाया गया.
उसके तीन सहयोगियों को भी पृथक-वास में भेज दिया गया है. पुलिस को संदेह है कि यह पुलिसकर्मी शहादरा में अपने पड़ोस के कारण संक्रमित हुआ है जहां संक्रमित मामले पाए गये हैं. वहीं, कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि उनका राज्य भी शनिवार से गंभीर रोगियों पर प्लाज्मा पद्धति का इस्तेमाल शुरू करने वाला है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के तीन नये मामले सामने आने से जिले में इस प्रकार के मामलों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी. मुजफ्फरनगर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अमित सिंह ने बताया कि 84 मामले में नमूना रिपोर्ट मिली थी. इनमें से तीन संक्रमित निकले जबकि शेष 81 में संक्रमण नहीं पाया गया.