भारतीय हवाई क्षेत्र में समुद्र के ऊपर से गुजरने वाले विमानों ‘रियल टाइम’ निगरानी जल्द शुरू होगी
प्राधिकरण ने मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के समुद्री हवाई क्षेत्रों में अंतरिक्ष आधारित वायु यातायात निगरानी सेवा के लिए बृहस्पतिवार को एयरीओन एलएलसी के साथ एक अनुबंध किया.
highlights
- समुद्र के ऊपर से गुजरने वाले विमानों की निगरानी
- भारतीय हवाई सेना करेगी रियल टाइम निगरानी
- 64 उपग्रहों के जरिए होगी निगरानी
नई दिल्ली:
भारत के हवाई क्षेत्र में समुद्र के ऊपर से गुजरने वाले विमानों की जल्द ही ‘रियल टाइम’ निगरानी शुरू करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एक नयी प्रौद्योगिकी प्रणाली तैनात करने जा रहा है. दरअसल, मौजूदा प्रौद्योगिकी एवं जमीन आधारित संरचना से सिर्फ भू-क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की ही निगरानी हो पाती है और समुद्री क्षेत्रों में इसकी सीमित कवरेज है. लेकिन अब अंतरिक्ष आधारित ‘‘ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्वेलांस-ब्रॉडकास्ट’’ (एडीएस-बी) डाटा सेवाओं के क्रियान्वयन से यह कमी दूर हो जाएगी.
प्राधिकरण ने मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के समुद्री हवाई क्षेत्रों में अंतरिक्ष आधारित वायु यातायात निगरानी सेवा के लिए बृहस्पतिवार को एयरीओन एलएलसी के साथ एक अनुबंध किया. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, ‘‘ये क्षेत्र अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में स्थित हैं और इसके तहत करीब 60 लाख वर्ग किमी हवाई क्षेत्र आते हैं.’
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यह प्रणाली के साल के अंत तक तैनात किये जाने की उम्मीद है. नयी प्रणाली को 64 उपग्रहों के एक समूह के जरिए क्रियान्वित किया जाएगा. प्राधिकरण के अध्यक्ष गुरूप्रसाद महापात्रा ने बताया कि एएआई इस प्रौद्योगिकीय पहल को लागू करने के साथ क्षेत्र में इतने व्यापक स्तर पर हवाई दिशा सूचक सेवा मुहैया करने वाला प्रथम देश हो जाएगा. साथ ही, भारत वायु यातायात निगरानी में एडीएस-बी को तैनात करने वाला 26वां देश बन जाएगा.
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