logo-image

पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल के बीच विवाद की ये है असल वजह

पंजाब के जलालाबाद में नगर काउंसिल चुनाव के नामांकन पत्र भरने को लेकर मंगलवार सुबह अकाली (Akali) और कांग्रेसी (Congress) आपस में भिड़ गए. दोनों ओर से आपस में पथराव और गोलीबारी भी हुई.

Updated on: 03 Feb 2021, 09:57 AM

नई दिल्ली:

पंजाब के जलालाबाद में नगर काउंसिल चुनाव के नामांकन पत्र भरने को लेकर मंगलवार सुबह अकाली (Akali) और कांग्रेसी (Congress) आपस में भिड़ गए. दोनों ओर से आपस में पथराव और गोलीबारी भी हुई. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की कार पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए गए. इस पथराव में कांग्रेस विधायक रमिंदर आवला की दो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं.

यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन : जींद की पंचायत में आज बनेगी आगे की रणनीति

दरअसल मंगलवार को हुई हिंसा स्वाभाविक नजर नहीं आती है. मौका तो पंचायत चुनाव के नामांकन का था लेकिन जिस तरह नामांकन के दौरान हिंसा हुई और उसमें किसानों के समर्थन में भी नारे लगे उससे साफ है कि किसान आंदोलन का मुद्दा कम से कम पंजाब में अंदरूनी राजनीति में घुसपैठ कर चुका है. दरअसल शिरोमणि अकाली दल पहले केंद्र की एनडीए सरकार का हिस्सा थी. कृषि कानूनों को लेकर जब पंजाब के किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया तो अकाली दल ने केंद्र से अपनी राह अलग कर ली. किसानों के पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इससे पहले सत्ताधारी कांग्रेस, अकाली दल, बीजेपी और आम आदमी पार्टी अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर रहीं हैं.

यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन पर रिहाना के ट्वीट पर कंगना का झन्नाटेदार जवाब, कही ये बात

मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में कांग्रेस विधायक रामिंदर सिंह आवला, उनके बेटे और 60 अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि वह अपने उम्मीदवारों के साथ रिटर्निंग अधिकारी के दफ्तर नामांकन पत्र भरने जा रहे थे. कांग्रेसियों ने अदालत परिसर के पास उनके काफिले पर पथराव करना शुरू कर दिया. रमिंदर आवला और उनके बेटे ने गोलियां चलाईं. पथराव कर उनकी कार के शीशे तोड़ दिए. जिस समय कार पर पथराव किया गया, उनके सुरक्षाकर्मी उन्हें पहले ही सुरक्षित जगह पर ले गए.