नोटबंदी के बाद बाजार में कैश की जरूरत पूरा करने में लग सकते हैं सात हफ्ते

नोटबंदी के बाद जिस रफ्तार से आरबीआई बैंकों में पैसे भेज रहा है उससे स्थिति को सामान्य होने में कम से कम सात हफ्ते और लगने का अनुमान है।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
नोटबंदी के बाद बाजार में कैश की जरूरत पूरा करने में लग सकते हैं सात हफ्ते

नोटबंदी के बाद जिस रफ्तार से आरबीआई बैंकों में पैसे भेज रहा है उससे स्थिति को सामान्य होने में कम से कम सात हफ्ते और लगने का अनुमान है। सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद अब तक करीब 1.36 लाख करोड़ रुपये बैंकों में लोगों ने जमा करवाया है।

Advertisment

ये पैसे पुराने नोटों को बदलने और कैश निकासी के माध्यम से आए हैं। आरबीआई की माने तो मार्केट में करीब 14 लाख करोड़ रुपये के बड़े नोट हैं। यानी अब तक पुराने नोटों के मूल्य का 10 फीसदी से भी कम हिस्सा बदला जा सका है। इस बात को लेकर आरबीआई ने सोमवार को डेटा जारी किया है।

नोटबंदी के बाद बैंकों में 5,44, 517 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा किए गए हैं। इतने समय में खाता धारकों ने करीब 1,03,316 करोड़ रुपये कैश बैंक की शाखाओं और एटीएम से निकाले हैं और 33,006 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले गए हैं।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चीफ इकॉनमिस्ट सौम्या कांति घोष की माने तो बाजार में पैसे की जरूरत का अंदाजा दो महीने के उपभोग की जरूरतों से लगाया था। अगर इसे पैमाना बनाकर देखा जाए तो अभी 10 लाख करोड़ रुपये के नए नोट और छापनी पड़ेगी।

अगर बैंक मौजूदा रफ्तार से नए नोट मार्केट में लोगों के बीच जारी करते रहा तो 10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित जरूरत को पूरा करने में करीब सात से आठ सप्ताह का समय और लग जाएगा।और लग जाएंगे।

Source : News Nation Bureau

RBI Noteban banks currency Cash
      
Advertisment